देहरादून: देहरादून मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए राहतभरी खबर है। अब उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक (एमडी) जितेंद्र त्यागी इस पद पर बने रहेंगे। सरकार को इस्तीफा सौंपने के बाद वह नोटिस पीरियड पर चल रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें मना लिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एमडी को मेट्रो रेल परियोजना में हरसंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया है।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी पद से जितेंद्र त्यागी के इस्तीफा देने के बाद परियोजना की राह मुश्किल हो गई थी। सरकार भी यह मान रही थी कि दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पद पर काम कर चुके जितेंद्र त्यागी जैसे अनुभवी व्यक्ति का साथ छूट जाने के बाद उनकी भरपाई आसान नहीं। हालांकि कुछ दिन पहले शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने त्यागी को मनाने के संकेत दिए थे और इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी जितेंद्र त्यागी को बुलाया था और यह आग्रह किया था कि वह इस्तीफा न दें। साथ ही आश्वासन दिया था कि वह कुछ दिन बाद उन्हें दोबारा वित्त सचिव के साथ बुलाएंगे और परियोजना को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
अब वित्त सचिव की मौजूदगी में हुई वार्ता के बाद जितेंद्र त्यागी ने इस्तीफा वापस लेने का निर्णय ले लिया है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी का कहना है कि मुख्यमंत्री परियोजना को लेकर बेहद गंभीर हैं और उनकी दिलचस्पी के बाद ही इस्तीफे का मन त्याग दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने स्पष्ट किया है कि देहरादून में मेट्रो रेल परियोजना का हर हाल में निर्माण किया जाएगा।
पहले फेज में बनेंगे दून के कॉरीडोर
उत्तराखंड मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी ने कहा की मुख्यमंत्री के साथ परियोजना के बजट जुटाने को लेकर भी चर्चा की गई। देहरादून से हरिद्वार व रुड़की तक परियोजना में करीब 100 किलोमीटर का ट्रैक बनाया जाएगा। जिसमें 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा, लिहाजा पहले फेज में देहरादून शहर के भीतर प्रस्तावित दो कॉरीडोर (आइएसबीटी से राजपुर व एफआरआइ से रायपुर) का निर्माण करने का निर्णय लिया गया।
इस तरह यह काम करीब चार हजार करोड़ रुपये में हो जाएगा और लाभ के हिसाब से इस हिस्से में यात्रियों की संख्या भी अच्छी-खासी मिल जाएगी। करीब चार-पांच साल के भीतर परियोजना का पहला चरण पूरा हो जाएगा। हालांकि परियोजना को अलग-अलग फेज की जगह एक साथ स्वीकृत कराने का भी निर्णय लिया गया।
कॉम्प्रिहैंसिव मोबिलिटी प्लान को टेंडर मांगे
मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर पर स्वीकृति केंद्र सरकार स्तर से प्राप्त की जानी है। इसके लिए पहले केंद्र सरकार को कॉम्प्रिहैंसिव मोबिलिटी प्लान बनाकर दिया जाना है। ताकि यह स्पष्ट कराया जा सके कि शहर के लिए मेट्रो परियोजना जरूरी है। एमडी जितेंद्र त्यागी ने बताया कि प्लान तैयार करने के लिए कंपनी के चयन को टेंडर आमंत्रित किए गए हैं।