देहरादून- उत्तराखंड के पहाड़ मे रेल लाइन बिछाना डबल इंजन के दौर में सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
सरकार शिलान्यास जैसे कार्यक्रम और बजट मंजूर कर उन्हें कार्यदायी संस्थाओं को सौंप भी चुकी है ओर इसकी मुनादी भी जोरदार तरीके से हो चुकी है।
बताया भी जा रहा है कि आने वाले वक्त मे वो दिन दूर नहीं जब श्रद्धालु उत्तराखंड के चार-धामों की यात्रा रेल के जरिए करेगा।
इस कड़ी में आज जहां श्रीबदरीधाम में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन करते हुए चार धाम यात्रा को रेल लाइन से जोड़ने की ओर पहला कदम बढाया और रेल लाइन फाइनल सर्वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया।
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर सरकार से संजीदा सवाल करते हुए पूछा है कि कहीं ये सर्वे 15 लाख रूपए वाला डॉयलाग तो नहीं बन जाएगा।
बहरहाल हरदा ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि,” हूर्रा, यदि जोशीमठ, सोनप्रयाग, मोखला व खरसाली रेल प्रोजेक्ट राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के रूप में केन्द्रीय मंत्री मण्डल स्वीकृत कर चुका है तो मैं कहूंगा थैंक्यू मोदी जी, थैंक्यू प्रभु, थैंक्यू त्रिवेन्द्र, थैंक्यू डबल इंजन।
कहीं लोकेशनल सर्वेक्षण 2019 के लिए 15 लाख रूपये की तरीके से झांसा तो नहीं है। ऐसे 1 दर्जन से अधिक रेल लाईनों का सर्वेक्षण उत्तराखण्ड में पहले भी हो चुके हैं। रेलवे लाईन निर्माण का कहीं अता-पता नहीं है।
भाई त्रिवेन्द्र जी अभी तो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के लिए 2013-14 में स्वीकृत धन भी खर्च नहीं हुआ है और इस रेल लाईन के साथ-साथ स्वीकृत टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाईन का अभी कहीं अता-पता नहीं है।
प्रभु – के दरबार में उत्तराखण्ड को जुमले का उपहार न देना।“