देहरादून। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य विजय बहुगुणा ने हरीश रावत पर को धर्म और संस्कृति को सही ढंग से समझने की नसीहत दे डाली है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि गले में डमरु बांध कर नाचने से धर्म और संस्कृति की रक्षा नहीं होती। विजय बहुगुणा ने केदारनाथ में कैलाश खेर के कार्यक्रम करने और केदारनाथ पर टेली एपीसोड्स बनाने के लिए करोड़ों की धनराशि खर्च करने को भी पैसे की बर्बादी करार दिया है। देहरादून में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विजय बहुगुणा ने कहा है कि हरीश रावत धर्म के नाम पर नाच गाने में उलझे हुए हैं। केंद्रीय मदद के बहाने भी विजय बहुगुणा ने हरीश रावत पर निशाना साधा है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि जब वो मुख्यमंत्री थे तो केंद्र से 7000 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद लेकर आए थे लेकिन हरीश रावत राज्य के लिए केंद्रीय मदद नहीं ले पा रहे हैं।
विजय बहुगुणा ने गैरसैंण के मसले पर भी हरीश रावत पर निशाना साधा है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि गैरसैंण में विधानसभा का पहला सत्र उन्होंने ही कराया था। पत्रकारों से बातचीत में विजय बहुगुणा ने खुलासा किया कि उन्होंने हरीश रावत को फोन कर गैरसैंण आने का न्यौता दिया लेकिन हरीश रावत नहीं आए। विजय बहुगुणा ने गैरसैंण को राज्य के लिए एक भावानात्मक मुद्दा बताते हुए हरीश रावत पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को घोषणावीर करार दिया है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि हरीश रावत सिर्फ घोषणाएं करते हैं। उन्हें इस बात के कोई मतलब नहीं होता कि घोषणाएं पूरी हुईं भी या नहीं।