जनरल के पद पर पहुचने वाले दूसरे उत्तराखंडी है एल.जे. बिपिन रावत
भारतीय सेना की कमान संभालने वाले पहले उत्तराखंडी थे जनरल विपिन जोशी
दिल्ली -एक बार फिर उत्तराखंड के सपूत को भारतीय सेना की कमान मिली है। सरकार ने अगले सेनाध्यक्ष के रूप में उत्तराखंड मूल के सैन्य पृष्ठभूमि वाले बिपिन च्ंद्र रावत को चुना है। पौड़ी जिले के सैंणा गांव के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत मौजूदा थल सेनाध्यक्ष जनरल दलवीर सिंह सुहाग की जगह लेंगे। 31 दिसंबर को जनरल दलवीर सिंह सुहाग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बिपिन रावत से पहले उत्तराखंड के सपूत विपिन जोशी को भी भारतीय थल सेनाध्यक्ष बनने का मौका मिला था।
एल.जे. बिपिन रावत बीते एक सितंबर 2016 को ही सेना के उपप्रमुख पद पर तैनात हुए थे। सैन्य पृष्ठभूमि वाले एल.जे.बिपिन रावत के पिता भी भारतीय सेना से लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड हुए थे। बिपिन रावत ने साल 1978 दिसंबर में 11 गोरखा राइफल्स की 5 वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त किया था। देहरादून के आईएमए से स्नातक ले.ज.बिपिन रावत को आईएमए मे स्वार्ड ऑफ ऑनर भी मिला था।
बहरहाल सबसे दिलचस्प बात ये है कि सरकार ने सेना में मौजूदा पदानुक्रम को नजरअंदाज करते हुए बिपिन रावत को थलसेनाध्यक्ष चुना है। हालांकि वरिष्ठता के लिहाजा से पू्र्वी कमान के कमांडर एल.जे.प्रवीण बख्शी और दक्षिणी कमान के प्रमुख एल.जे.पीएम हारिज उनसे ज्यादा वरिष्ठ हैं। माना जा राह है कि एल.जे.रावत को उनके अनुभव के आधार पर सेनाध्यक्ष की कमान सौंपी गई।
भारतीय थल सेना के अगले जनरल बनने वाले बिपिन रावत के पास पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा, चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा और संवेदनशील उत्तर पूर्व क्षेत्र में बड़ी कार्यवाहियों का अनुभव है। माना जा रहा है कि उनके ऑपरेशनल अनुभव को देखते हुए ही सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को जनरल बनाने का फैसला किया है।