नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार जिले में राशन की दुकानों से गमन और रिकॉर्ड बुक नही दिखाने के मामले में दायर जनहित याचिका में सुनवाई के बाद हरिद्वार के जिलाधिकारी को तीन सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने को कहा है।
हरिद्वार जिले में लक्सर निवासी रेनू रानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके क्षेत्र में राशन विक्रेताओं द्वारा लोगो के फर्जी राशन कार्ड बनाए गए हैं । उन्होनें कहा कि दुकानों में जरूरतमंद लोगों को 35 किलो राशन मिलता है जबकि राशन विक्रेता 35 में से 6 किलो ही लोगों को राशन देते है। आरोप लगाया कि विक्रेता बाकी का 29 किलो राशन गमन कर लेते है। याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया की आर.टी.आई. में सूचना मांगने पर राशन विक्रेता द्वारा रिकॉर्ड बुक साझा नहीं की गई और जानकारी दी गई कि रास्ते मे जाते समय रिकॉर्ड बुक खो गई है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से मामले की निष्पक्ष जकनाच करवाने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी को तीन सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को होनी तय हुई है ।