कोविंद प्रणव मुखर्जी के साथ बग्गी में राष्ट्रपति भवन से संसद पहुंचेंगे. इस सफर दौरान मुखर्जी बाईं तरफ बैंठें जबकि कोविंद दाईं तरफ. शपथ ग्रहण समारोह से लौटते समय ये दोनों अपनी-अपनी पोजिशन बदल लेंगे और एक-दूसरे की जगह पर आ जाएंगे. चीफ जस्टिस खेहर, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी सेंट्रल हॉल की ओर जाते हुए उनके साथ होंगे.
शपथ ग्रहण के बाद कोविंद देंगे भाषण
शपथ लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. इसके बाद वह भाषण देंगे. इसके बाद मुखर्जी कोविंद के साथ अपने नए घर 10 राजाजी मार्ग पहुंचेंगे, जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली उनका स्वागत करेंगे. इसके बाद तीनों सेनाओं के दस्ते कोविंद को लेने उनके पुराने घर जाएंगे. कोविंद को बग्गी में बैठाकर राष्ट्रपति भवन तक लाया जाएगा. जहां प्रांगण में सेना के तीनों अंगों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने पद मुक्त होने की पूर्व संध्या पर सोमवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत की आत्मा, बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है और सहृदयता और समानुभूति की क्षमता हमारी सभ्यता की सच्ची नींव रही है. लेकिन प्रतिदिन हम अपने आसपास बढ़ती हुई हिंसा देखते हैं. इस हिंसा की जड़ में अज्ञानता, भय और अविश्वास है. उन्होंने कहा, ‘हमें सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है. यह सदियों से हमारी सामूहिक चेतना का अंग रही है. जन संवाद के विभिन्न पहलू हैं. हम तर्क वितर्क कर सकते हैं, हम सहमत हो सकते हैं या हम सहमत नहीं हो सकते हैं. परंतु हम विविध विचारों की आवश्यक मौजूदगी को नहीं नकार सकते अन्यथा हमारी विचार प्रक्रिया का मूल स्वरूप नष्ट हो जाएगा.