देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जहां बग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच होने वाली तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला को लेकर सुर्खियों में है वहीं इस स्टेडियम के नाम को लेकर प्रदेश सरकार और विपक्ष में बैठी कांग्रेस आमने सामने है क्या है पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट में।
बग्लादेश और अफगानिस्तान की टीमों के बीच 3 टी-20 मैचों की सीरीज
22 गज की क्रिकेट की पिच पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड भी अपना जून महीने दर्ज करा लेगा. जी हां जून महीने के पहले सप्ताह में देहरादून के रायपुर में बने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर बग्लादेश और अफगानिस्तान की टीमों के बीच 3 टी-20 मैचों की सीरीज खेली जाने है जिसके साथ ही अंतराष्ट्रीय पर उत्तराखंड को क्रिकेट जगत में एक नई पहचान मिल जाएंगी।
नाम को लेकर कांग्रेस-भाजपा आमने सामने
लेकिन इस पहचान की बावजूद इस स्टेडियम के नाम को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार और विपक्ष में बैठी कांग्रेस आमने सामने है। दरसल इस स्टेडियम का निर्माण कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुआ था और तब कांग्रेस सरकार ने इस स्टेडियम का नाम पूर्व प्रधामंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा था,लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही इस स्टेडियम के नाम में से राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया है और अब राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की जगह इस स्टेडियम का नाम अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रख दिया गया है. लेकिन प्रदेश सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस में गुस्सा है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन करेंगी।
उत्तरांचल को उत्तराखंड का नाम दिया कांग्रेस ने- नरेश बंसल
वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल का कहना कि नाम बदलने की परम्परा कांग्रेस ने प्रदेश में डाली है। कांग्रेस ने उत्तरांचल को उत्तराखंड का नाम दिया और साथ ही कईयो के नाम बदले. इस लिए कांग्रेस को नाम बदलने पर कुछ नहीं कहना चाहिए।
राजीव गांधी के नाम लिखने से स्टेडियम का नाम लम्बा हो रहा था- अधिकारी
वहीं खेल विभाग के आला अफसरों का नाम बदलने को लेकर कहना कि राजीव गांधी के नाम लिखने से स्टेडियम का नाम लम्बा हो रहा था,इस वजह से स्टेडियम का नाम केवल अंतराष्ट्रीय स्टेडियम लिखा गया है। खेल विभाग के तर्क पर पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना कि जिन योनजाओं का नाम पण्डित दीनदयाल के नाम पर होता है वह तो भाजपा को लम्बे नहीं लगते है गांधी के नाम से भाजपा को क्यों चीड है ये समझ से परे है। हरीश रावत का कहना कि यदि भाजपा सरकार ने स्टेडियम का नाम बदला तो वह इसके खिलाफ उपवास पर बैठेंगे।