रेलवे बोर्ड ने ट्रेन में अकेली यात्रा कर रही महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है। अब बिना टिकट अकेले सफर कर रही महिला रेल यात्री को टीटीई ट्रेन से नहीं उतार सकेगा। रेलवे बोर्ड लगभग तीन दशक पुराने इस कानून को सख्ती से लागू करने जा रहा है। इसके चलते हफ्ते भर के भीतर भी रेलवे जोन को इस संबंध में निर्देश जारी करने की तैयारी कर ली है।
सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने 1989 में बनाया था कानून
यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला है। अकेली यात्रा कर रही महिला को किसी भी स्टेशन पर उतारने से घटना की आशंका हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि 29 साल पहले बने कानून को लागू करने जा रही है रेलवे, महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाया जा रहा कदम। महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने 1989 में एक कानून बनाया था। अकेली महिला को ट्रेन से उतारने पर उसके साथ कोई घटना हो सकती है।
बिना टिकट अकेले यात्रा कर रही महिला को टीटीई नहीं उतार सकते ट्रेन से
लिहाजा कानून में प्रावधान किया गया है कि ट्रेन में बिना टिकट अकेले यात्रा कर रही महिला को टीटीई ट्रेन से नहीं उतार सकते। कानून तो बन गया, पर अभी तक इसका पालन नहीं हो रहा था। यहां तक कि टीटीई, स्टेशन मास्टर और गार्ड तक को इसकी जानकारी नहीं है।
रेलवे मैन्युअल के अनुसार रिजर्व कोच में प्रतीक्षा सूची में नाम होने पर भी महिला को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता। इसके अलावा वह स्लीपर का टिकट लेकर एसी 3 में यात्रा कर रही है तो भी टीटीई उसे स्लीपर में जाने के लिए सिर्फ अनुरोध कर सकते हैं। उसे सिर्फ जिला मुख्यालय के स्टेशन पर उतारा जा सकता है। लेकिन उससे पहले कंट्रोल रूम को सूचना देनी होती है। इसके बाद ट्रेन से उतारकर टिकट के साथ जीआरपी की महिला कांस्टेबल को की जिम्मेदारी होती है कि वह महिला को ट्रेन में सही जगह बैठाए