अमृतसर में हुए इस दर्दनाक रेल हादसे की बेहद खौफनाक तस्वीरें सामने आई। लोग रेल ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे तभी अचानक से तेज स्पीड ट्रेन आई औऱ 60 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले गई. हादसा कल शाम साढ़े 6 बजे के करीब हुआ.
ये है ट्रेन ड्राइवर का बयान
हालांकि अब इस मामले में रेल ड्राइवर और प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल ड्राइवर ने कहा कि रावण जलने की वजह से आसपास काफी धुआं था. घटनास्थल पर रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए रेल ड्राइवर को कुछ नहीं दिखाई दिया। रेल अधिकारी का भी कहना है कि वहां काफी धुआं था, जिसकी वजह से ड्राइवर कुछ भी देखने में असमर्थ था, इसके अलावा ट्रेन भी घुमावदार मोड़ पर थी।
रेलवे ने कहा-पटरियों पर इकट्ठा होना साफ तौर पर अतिक्रमण का मामला
वहीं इस पर रेलवे का कहना है कि रावण दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर इकट्ठा होना “साफ तौर पर अतिक्रमण का मामला” था और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई थी। अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी। रेलवे अधिकारियों ने कहा, “हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी और हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिये कोई मंजूरी नहीं दी गई थी, यह अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है .
स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम की सूचना रेलवे विभाग को नहीं दी थी- केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री
इधर केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम की सूचना रेलवे विभाग को नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे को जानकारी दी जाती तो उनके विभाग की ओर से गाइडलाइंस निश्चित रूप से जारी किये जाते। ट्रेन की तेज रफ्तार के बारे में मनोज सिन्हा ने कहा कि स्पीड पर नियंत्रण ट्रैक की स्थिति के आधार पर लगाया जाता है, ना कि भीड़ को देखते हुए।