हल्द्वानी : ट्रेनों में महिलाओं के साथ बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेलवे प्रशासन ने मोबाइल एप तैयार किया है। एप के माध्यम से महिलाओं को तत्काल मदद मिलेगी। शिकायत पर पुलिस अधिकारी तुरंत महिला यात्री से संपर्क कर उनके पास पहुंच सकेंगे।
रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने ‘आर-मित्र’ नाम का एप बनाया है। रेल अधिकारियों का मानना है कि ‘आर-मित्र’ से महज एक क्लिक पर महिला यात्री के पास पुलिस सहायता पहुंच जाएगी। एंड्रायड बेस मोबाइल पर चलने वाले ‘आर-मित्र’ एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो, इसके लिए इसे इंग्लिश, हिंदी समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है।
ऐसे काम करेगा एप
‘आर-मित्र’ का मतलब (रेलवे मोबाइल इंस्टेंट ट्रैकिंग रिस्पांस एंड असिस्टेंस) है। जिस स्टेशन से महिला यात्री एप का उपयोग करेगी, उस स्टेशन या ट्रेन के पास मौजूद आरपीएफ पुलिस और रेल मंडल सिक्योरिटी कंट्रोल रूम तक अलर्ट पहुंच जाएगा। जीपीएस के जरिये महिला की लोकेशन भी कंट्रोल रूम में आ जाएगी। एप डाउनलोड करने के बाद कुछ जरूरी जानकारी एप में भरनी पड़ती है। जिसके बाद यह एप सक्रिय हो जाता है।
एप में रहेंगे तीन विकल्प
इमरजेंसी: आपातकालीन स्थिति में इस बटन का इस्तेमाल करना होगा। यह विकल्प एक मिनट के अंदर तीन मैसेज रेलवे सिक्योरिटी कंट्रोल में भेजेगा। कनेक्टिविटी होने पर मोबाइल एप इंटरनेट का उपयोग करेगा, जबकि इंटरनेट न होने की स्थित में टैक्स्ट मैसेज सेंड हो जाएगा।
हेल्प: इस विकल्प का उपयोग विशेष मदद के लिए किया जा सकेगा। हेल्प पर क्लिक करते ही कुछ लिखे (प्लीज हेल्प मी, आई एम इन डेंजर आदि) मैसेज स्क्रीन पर आएंगे। संबंधित स्थिति पर क्लिक करने से मैसेज रेलवे सिक्योरिटी कंट्रोल तक पहुंच जाएगा।
मैसेज: किसी भी स्थिति की सूचना रेलवे को देनी हो, तो इस विकल्प का उपयोग कर सकते है। संदेश लिखने के साथ फोटो भी रेलवे सिक्योरिटी कंट्रोल को भेज सकते हैं। हालांकि इस विकल्प के लिए इंटरनेट जरूरी होगा।
काठगोदाम स्टेशन अधीक्षक चयन रॉय ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से बनाया गया आर-मित्र एप यात्रियों की पसंद बन रहा है। अब तक दस हजार से अधिक लोग एप डाउनलोड कर चुके हैं।