देहरादून: तमाम मिथकों को तोड़कर भाजपा ने राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बना ली है। पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। पुष्कर सिंह धामी इस बार के विधानसभा चुनाव में खटीमा से हार गए थे, जिसके बाद बीजेपी में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई थी। बीजेपी ने धामी के नाम पर मुहर लगाने में 11 दिन लगा दिए। अब धामी सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। आइए आपको बताते हैं कि धामी का राजनीति सफर कैसा रहा है और कैसे वे सीएम की कुर्सी तक पहुंचे।
पुष्कर सिंह धामी जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 45 साल की उम्र में सत्ता संभाली और राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम बने। धामी को महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के शिष्य के रूप में माना जाता है। वह उनके विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) और सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं।
धामी ने 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए उद्योगों में नौकरियों के आरक्षण के लिए अभियान चलाया।
पुष्कर सिंह धामी के पिता सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनका जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ था। धामी का परिवार अपने पैतृक गांव हरखोला से खटीमा में शिफ्ट हो गया था। पुष्कर सिंह धामी पांचवीं में खटीमा चले गए, जो बाद में धामी की कर्मभूमि बन। उन्होंने वहां से दो बार विधानसभा चुनाव जीता। धामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उनके पास कानून की डिग्री भी है।
धामी का राजनीतिक सफर
जन्म- 16 सितंबर 1975
जन्म स्थान- पिथौरागढ़, उत्तराखंड
कर्म स्थान- खटीमा, उत्तराखंड
शैक्षणिक योग्यतारू स्नातकोत्तर (मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबध), एलएलबी
राजनीतिक करियर की शुरुआत-1990
प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड (लगातार दो बार 2002 से 2008 तक)
2012-2017- विधायक
2017-2022-विधायक