गुरु गोविंद सिंह ने की थी 1699 में खालसा पंथ की स्थापना
बता दें सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंहजी का जन्म 1666 ई. में हुआ था। इन्होंने सिख धर्म के पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहब को पूरा किया। गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इन्होंने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए, जिन्हें ‘पंच ककार’ के नाम से जाना जाता है। गोविंद सिंह के संदेश के अनुसार ही खालसा सिखों में पांच चीजों को अनिवार्य माना जाता है। ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा।
बता दें गुरु गोविंद सिंह जहां विश्व की बलिदानी परम्परा में अद्वितीय थे, वहीं वे स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक तथा संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की। वे विद्वानों के संरक्षक थे। उनके दरबार में कई कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी, इसीलिए उन्हें ‘संत सिपाही’ भी कहा जाता था। वे भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे।