देहरादून- उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली उत्पादन करने वाले हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का टैरिफ बढ़ा दिया है। ऑपरेशन व मेंटनेंस मद में 18 पैसे प्रति यूनिट रेट बढ़ाए गए हैं। वनाला पॉवर प्रोजेक्ट का टैरिफ भी 56 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाया गया है।
पूर्व में आई आपदा में 15 मेगावाट के वनाला पॉवर प्लांट को पहुंचे नुकसान की भरपाई को टैरिफ बढ़ाया गया, जबकि हर कंपनी अपने प्रोजेक्ट का इंश्योरेंस करती है। इंश्योरेंस के प्रीमियम में होने वाले खर्च को भी प्लांट के कुल खर्चे में जोड़कर ही आयोग कुल टैरिफ तय करता है। इसके बाद भी नुकसान की भरपाई को टैरिफ 56 पैसे बढ़ाने का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
करोड़ों जुर्माना माफ की मार झेलेगी जनता
कंपनियों का 20.5 करोड़ का जुर्माना माफ करने व विवादित पांच करोड़ का भुगतान करने का खामियाजा भी आम जनता पर पड़ना तय है। इन फैसलों का असर यूपीसीएल पर नहीं पड़ने जा रहा। क्योंकि यूपीसीएल इन्हें भी अपनी बैलेंस शीट का हिस्सा बताते हुए अपने खर्चों में जोड़ेगा।
60 करोड़ का विवादित मामला भी आर्बिटेशन में
एक और विवादित प्रकरण यूपीसीएल के गले की फांस बना है। पूर्व में जिटको कंपनी ने नये बिजली घरों के काम के नाम पर 18 करोड़ के काम किए। कंपनी को 18 करोड़ का भुगतान भी हुआ। इसके बाद भी कंपनी को 60 करोड़ का भुगतान करने का वाद आर्बिटेशन में चल रहा है।
वहीं यूपीसीएल एमडी बीसीके मिश्रा का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग की ओर से प्राइवेट कंपनियों के बढ़ाए गए टैरिफ के फैसले को चुनौती दी जा रही है। आयोग से अपील की जाएगी कि इस बढ़ोत्तरी को वापस लिया जाए।