राजधानी में नियो मेट्रो प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ रहा है। बजट में नियो मेट्रो के लिए 101 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। बजट में रकम का प्रावधान करने से साफ है कि सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है।
नियो मेट्रो पर सरकार गंभीर
प्रदेश सरकार देहरादून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव जनवरी 2022 में ही केंद्र सरकार के पास भेज चुकी है। केंद्र सरकार इस पर कई स्तर से विचार विमर्श कर रही है, जिसे जल्द ही अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसी क्रम में मेट्रो कॉरपोरेशन प्रस्तावित लाइन के नीचे आ रही बिजली और पानी, सीवर लाइन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।
बता दें, इसकी जद में आ रही भूमि अधिगृहीत की जानी है। इसी काम के लिए सरकार ने मेट्रो कॉरपोरेशन को 101 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है।
प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होने की उम्मीद
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार पहले चरण में केंद्र संग 50% की हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूट पर नियो मेट्रो चलाना चाहती है। दूसरे चरण में दून को मेट्रो के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 1600 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार इसके लिए लोन लेगी। मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है।
नियो मेट्रो के ये होंगे रूट
- आईएसबीटी से घंटाघर: यह रूट साढ़े आठ किमी होगा। आईएसबीटी, सेवला कलां, आईटीआई, लाल पुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कचहरी, घंटाघर और गांधी पार्क पर स्टेशन बनेंगे। इस रूट के लिए 1.58 हेक्टेयर सरकारी और 1.18 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण होना है।
- एफआरआई से रायपुर: यह रूट 13.9 किमी लंबा होगा और 15 स्टेशन बनेंगे। इनमें एफआरआई, बल्लूपुर, आईएमए ब्लड बैंड, दून स्कूल, मल्होत्रा बाजार, घंटाघर, सीसीएमसी, आराघर चौक, नेहरू कॉलोनी, विधानसभा, अपर बदरीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ऑर्डनेंस फैक्टरी, हाथीखाना चौक, रायपुर शामिल हैं। इस रूट के लिए 5.08 हेक्टेयर सरकारी और 1.38 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत है। निर्माण कार्य के दौरान करीब आठ हजार स्क्वायर मीटर जगह अस्थायी तौर पर चाहिए।