देहरादून- ग्राम पंचायतों में हुए घोटोला की जांच एसआईटी से कराए जाने को लेकर अब प्रदेश की भाजपा सरकार और प्रदेश संगठन में अलग-अलग राय सुनने को मिल रही है। क्या कुछ राय प्रधानों के कार्यो की जांच एसआईटी से कराये जाने जाने को लेकर भाजपा संगठन की है पढ़िए.
हरहाल में होगी प्रधानों के कार्यों की जांच-पंचायतीराज मंत्री
न भय-न भ्रष्टचार के नारे को लेकर काम कर रही त्रिवेंद्र सरकार ने ग्राम पंचायातों में हुए घोटालों की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया है…जिसका ग्राम प्रधान सीधे तौर से विरोध कर रहे हैं…तो पंचायतीराज मंत्री अरविंद पाण्डेय हर हाल में प्रदेश की सभी पंचायातों में हुए विकास कार्यों की जांच एसआईटी से की ठान चुके हैं.
प्रधान अगर पहले ये डिमांड करते तो ठीक होता- सीएम
पंचायतीराज मंत्री के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी ग्राम प्रधानों के द्धारा किए गए विकास कार्यों की जांच एसआईटी कराने के पक्ष में हैं। जिसकी सहमति सीएम दें चुके हैं। लेकिन प्रधान अब एसआईटी जांच का विरोध करने के साथ विधायकों और सांसदों के द्धारा किए गए कार्यो की जांच की मांग भी मांग कर रहे हैं। जिसकों लेकर सीएम का कहना कि प्रधान अगर पहले ये डिमांड करते तो ठीक होता।
जो निर्णय लिया उससे पीछे हटने वाली नहीं सरकार
कुल मिलकार सीएम के बयान से ये साफ होता है कि अब कुछ भी हो सरकार ने जो निर्णय लिया है,उसे सरकार पिछे हटने वाली नहीं है। और प्रधान जो दबाव जांच वापस लेने को बना रहे हैं उस दबाव में सरकार आने वाले नहीं क्योंकि मुख्यमंत्री का का कहना कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वो लड़ते रहेंगे चाहे कुछ भी हो।
एसआईटी जांच से प्रधान सकते में हैं,घोटालों की जांच की फाईल गृह विभाग पहुंच चुकी
पूरे मामले पर नजर दौड़ाएं तो एसआईटी जांच से प्रधान सकते में हैं. एसआईटी जांच होने से कई ग्राम पंचायातों में जो घोटाले हुए हैं उनका उजागर होना तय है…क्योंकि सीएम खुद भी कर रहे हैं बिना तथ्य के वह किसी भी जांच का निर्णय नहीं लेते…वहीं एसआईटी जांच की फाईल गृह विभाग पहुंच गई है। गृह सचिव आंदन वर्धन का कहना कि पंचायतों में हुए घोटालों की जांच की फाईल गृह विभाग पहुंच चुकी है, जिस पर कार्यवाही गतिमान है,जल्द ही एसआईटी जांच करने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
सभी पंचायातों की जांच एसआईटी से कराना अटपट्टा सा भी लग रहा है- अजय भट्ट
प्रधानों के कार्यों की जांच को लेकर जहां सरकार ने कमर कस ली है, वहीं पूरे मामले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की राय पूरे मामले पर अलग है। अजय भट्ट का कहना कि उन्हे नहीं लगता है कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायातों में गडबड़ हुई होगी..इक्का-दुक्का ग्राम सभाओं में ऐसा हुआ होगा तो उनकी जांच सही है लेकिन सभी पंचायातों की जांच एसआईटी से कराना अटपट्टा सा भी लग रहा है…सरकार के पास क्या तथ्य इसके बारे में वह जानकारी लेंगे और फिर भी उन्हे ये नहीं लगता है कि सभी पंचायातों में गलत तरीके से काम हुए होंगे।
ग्राम पंचायातों में हुए घोटालों की जांच करने के सरकार के फैसले से एक बात तो साबित हो गई है कि जहां पर भी त्रिवेंद्र सरकार घोटाले होने की शिकायत मिलेगी सरकार जांच का निर्णय लेगी, लेकिन जिस तरह पंचायतों में एसआईटी जांच का निर्णय सरकार ने लिया है और प्रदेश अध्यक्ष सरकार के निर्णय से दूसरी राय मामले पर रखते हैं ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि आखिर अजय भट्ट के बयान के बाद बीजेपी के भीतर इस मामले को लेकर टकराव वाली स्थिति देखने को मिलेगी,क्योंकि कई विधायाक भी प्रधानों को आश्वसत कर रहे हैं कि वह मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे औरएसआईटी नहीे होने देंगे।