देहरादून। भारतीय सेना को शनिवार को 341 युवा अफसर मिल गए हैं जिसमे उत्तराखंड के कई नौजवान शामिल है। इस बात से पूरा देश वाकिफ है कि उत्तराखंड से ही अधिकतर सैनिक और अफसर निकलते हैं। उत्तराखंड में हर घर और परिलार में एक फौजी जरूर होगा। भारतीय सैन्य अकादमी में हुए पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भरने के बाद युवा अफसरों की टोली भारतीय सेना का हिस्सा बन गई। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई।
वहीं बता दें कि इस पासिंग आउट परेड में किसान का बेटा भारतीय सेना में अफसर बना। जी हां बता दें कि चमोली, गैरसैंण खनसर घाटी के कंडारीखोड़ मल्ला के मूल निवासी कृष्णा रावत भारतीय सेना में अफसर बने और उन्होंने प्रदेश समेत चमोली जिले का नाम रोशन किया है। परिवार में खुशी का माहौल है। बता दें कि कृष्णा रावत सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता एक किसान हैं और उनकी माता शांति देवी आंगनबड़ी में सहायिका के पद पर कार्यरत हैं। परिवार सहित पूरे क्षेत्र गांव में खुशी का माहौल है कि उनका बेटा सेना में अफसर बन गया है जो अब देश की रक्षा करेगा।
वहीं बता दें कि बारिश की वजह से आज शनिवार को पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई। ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली। कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली।