देहरादून। निजी आयुष कॉलेजों में फीस वृद्धि का मसला अब भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पा रहा है। भले ही सीएम त्रिवेंद्र ने तकरीबन दो महीने बाद आयुष कॉलेज के छात्रों के आंदोलन का संज्ञान लेकर फीस वृद्धि वापस लेने का मौखिक आश्वासन दे दिया हो लेकिन निजी कॉलेज इसे मानने को तैयार नहीं हैं। हालात ये हैं कि निजी कॉलेजों में छात्रों को घुसने से रोका जा रहा है या फिर उन्हें कक्षाओं में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। फीस वृद्धि वापस लेने को लेकर भी स्थिती स्पष्ट नहीं है। कई प्राइवेट कॉलेजों ने अपने छात्रों से साफ कह दिया है कि फीस वृद्धि का फैसला न वापस लेंगे और न ही बढ़ी हुई फीस वापस करेंगे।
वहीं आंदोलन स्थल से भले ही छात्र उठ गए हों लेकिन अब उनकी जगह उनके अभिभावक धरने पर बैठ गए हैं। ये स्थिती सरकार के लिए और मुश्किल खड़ी कर सकती है। इनकी एक ही मांग है कि फीस वृद्धि वापस लेने के संबंध में स्पष्ट सरकारी आदेश जारी हों और कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
हालांकि राज्य के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत इस मसले में अपनी बेचारगी बहुत हद तक जता चुके हैं। मीडिया को दिए बयानों में हरक ने कहा है कि निजी आयुष कॉलेजों पर सरकार का बस नहीं चलता।