उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना लगातार जारी है। अब देहरादून के डीएम और एसएसपी ने आंदोलनकारियों को विधानसभा अध्यक्ष से मिलवाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अपना धरना स्थल बदल दिया है।
वहीं सोमवार को फिर एक बार विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी विधानसभा भवन के सामने धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें भेदभाव पूर्ण तरीके से बर्खास्त किया गया है। जब राज्य निर्माण के बाद से लेकर अभी तक विधानसभा में भर्ती की प्रक्रिया एक ही जैसी है तो 2016 के बाद वालों पर ही कार्रवाई करना सरासर गलत तथा अन्याय पूर्ण है। कर्मचारियों का कहना है कि 2001 से लेकर 2015 के बीच नियुक्त कार्मिकों को किस आधार पर बचाया जा रहा है।
वहीं मुलाकात के लिए पहुंची डीएम सोनिका के सामने कर्मचारियों का दर्द फूट पड़ा। कर्मचारियों ने डीएम को बताया कि नौकरी से हटाए जाने के बाद उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। लोन की किस्त तथा बच्चों की स्कूल तथा ट्यूशन की फीस देने में कर्मचारी असमर्थ होते जा रहे हैं।
विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को जिलाधिकारी सोनिका और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर ने 3 दिन के भीतर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से वार्ता कराने का आश्वासन दिया।
एसएसपी तथा डीएम से आश्वासन मिलने के बाद विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारी निकासी गेट से हटकर डिफेंस कॉलोनी के गेट के पास अपना आंदोलन जारी रखने के लिए राजी हो गए। कर्मचारियों ने कहा है कि 3 दिन के भीतर अगर मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष से वार्ता नहीं कराई गई तो वे वापस विधानसभा के प्रवेश द्वार के सामने अपना आमरण अनशन प्रारंभ कर देंगे।