पेट्रोल डीजल और LPG की बढ़ती कीमतों के चलते थोक महंगाई अब नए आसमान पर पहुंच गई है। इसके चलते आम आदमी को घर खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है। मार्च में थोक महंगाई दर (WPI) 7.39 परसेंट पर पहुंच गई थी। थोक महंगाई की ये दर पिछले 8 साल में सबसे अधिक थी। जबकि इससे पहले फरवरी 2021 में थोक महंगाई दर 4.17 परसेंट थी। आज थोक महंगाई दर (WPI) के अप्रैल के आंकड़े जारी हुए हैं, जो 10.49 परसेंट है. वाणिज्य मंत्रालय मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक महीने में WPI में 3.1 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि महंगे क्रूड पेट्रोलियम और मिनरल ऑयल्स यानी पेट्रोल-डीजल के कारण वस्तुओं की थोक कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
फ्यूल और पॉवर कीमतों का इंडेक्स उछलकर 20.94 परसेंट पर आ गया है, जो पिछले महीने 10.25 परसेंट था, यानी दोगुने से भी ज्यादा महंगाई बढ़ी है. पेट्रोल की महंगाई दर 42.37 परसेंट और हाई स्पीड डीजल की महंगाई दर 33.82 रही है।
क्या क्या हुआ महंगा?
WPI इंडेक्स में मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स का सबसे ज्यादा वेटेज होता है, इसकी महंगाई दर 7.34 परसेंट से बढ़कर 9.01 परसेंट हो गई है. मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, फूड आर्टिकल्स में अप्रैल महीने में दाल, फल और अंडा-मीट की थोक महंगाई दर बढ़ी है। दालों की महंगाई दर 10.74 परसेंट, फलों की महंगाई दर 27.43 परसेंट, दूध की महंगाई दर 2.04 परसेंट और अंडा-मीट-मछली की महंगाई दर 10.88 परसेंट रही है। नॉन-फूड आर्टिकल्स में ऑयल सीड्स की महंगाई दर 29.95 परसेंट, मिनरल्स की महंगाई दर 19.60 परसेंट और क्रूड पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस की महंगाई दर 79.56 परसेंट रही है।