देहरादून: कल से देहरादून में आयोजित होने वाले देशभर के पीठासीन अधिकारियों के कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी है। कार्यक्रम में पीठासीन अधिकारी जहां सदन की कार्रवाई के हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा करेंगे। वहीं, उत्तराखंड संस्कृति की झलक भी देखेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने वाले पीठासीन अधिकारियों को विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल उत्तराखंड के बुनकरों के बुने मफलर भेंट करेंगे। अतिथियों को गुलदस्ता भेंट करने की परंपरा को छोड़ ये नई परंपरा शुरू की जाएगी। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में आये सभी मेहमानों को उत्तरांड के निर्माण से अब तक हुई विकास यात्रा और उत्तराखंड के बारे में एक डाॅक्यूमेन्ट्री के माध्यम से अवगत कराया जायेगा।
अन्य राज्यों से आये सभी मेहमानों को उत्तराखंड के विभिन्न पारम्परिक उत्पादांे हथकरघा, रिंगाल से बनी टोकरियां, पहाड़ी दालें, मसाले, जड़ी.बूटियां, बुरांश का जूस से रू-ब-रू कराया जाएगा। इसके लिए आयोजन स्थल पर 15 से 20 स्टाल लगाये जायेंगे। उद्घाटन सत्र में आये सभी मेहमानों के स्वागत में छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। सम्मेलन में अभी तक लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के उप सभापति के अतिरिक्त 17 विधान सभा अध्यक्ष, 12 उपाध्यक्ष, पांच सभापति और एक उप सभापति विधान परिषद सहित 21 सचिव हिस्सा लेंगे।
17 दिसम्बर को सचिवों का सम्मेलन होगा, जिसमें लोकसभा एवं राज्य सभा के महासचिव प्रतिभाग करेंगे। 18 दिसम्बर को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू किया जाएगा। सम्मेलन के सभापति भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला होंगे। कार्यक्रम से पहले उत्तराखंड विधानसभा द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष करेंगे। सुबह 10 बजे से दीप प्रज्वलन के साथ सम्मेलन को उद्घाटन होगा। सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष स्वागत करेंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पीठासीन अधिकारियों को सम्बोधित करेंगे। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संबोधन होगा। उत्तराखंड विधानसभा उपाध्यक्ष धन्यवाद संबोधन करेंगे।
कार्यसूची के मुख्यतः दो बिन्दुओं पर इस सम्मेलन में चर्चा होगी जिसमें सर्वप्रथम-
संविधान की 10वीं अनुसूचि एवं अध्यक्ष की भूमिका, संविधान की दसवीं अनुसूचि में दल परिवर्तन के आधार पर संसद अथवा राज्य विधान मण्डलों के सदस्यों को अयोग्य ठहराने के बारे में किये गये उपबन्धांे पर विस्तार से चर्चा होगी। शून्यकाल सहित सभा के अन्य साधनों के माध्यम से संसदीय लोकतंत्र का सुधरीकरण एवं क्षमता निर्माण। शाम सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें उत्तराखण्ड के विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जायेगी।
19 दिसम्बर को गत दिवस के बिन्दुओं पर जारी चर्चा को फिर प्रारम्भ किया जायेगा, जो भोजनावकाश तक जारी रहेगी। समापन सत्र में राज्यपाल उत्तराखंड बेबी रानी मौर्य का सम्बोधन होगा। तीन बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पत्रकारों से वार्ता करेंगे। तत्पश्चात सभी मेहमान ऋषिकेश के लिये प्रस्थान करेंगे। डोईवाला में सभी मेहमानों का आर्शीवाद वाटिका में सूक्ष्म जलपान होगा। ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर सांयकालीन गंगा आरती एवं भजन संध्या का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है, साथ ही आतिथियों को ऋषिकेश में स्थानीय प्रसिद्व दर्शनीय स्थलों एवं भरत मन्दिर के भी दर्शन कराये जाएंगे।