देहरादून(मनीष डंगवाल) : उत्तराखंड में कई ऐसे विभाग अभी भी है जो किराया के भवन में चल रहे है, वहीं बात अगर उत्तराखंड परिवहन निगम के मुख्यालय की बात करे तो निगम का मुख्यालय भी किराय के भवन में संचालित हो रहा है। लेकिन नवरात्री में उत्तराखंड परिवहन निगम मुख्यालय का पता बदलने जा रहा है,इसके पीछे की क्या वजह वह भी हम आपको बताने जा रहे है.
शिफ्ट होगा निगम का मुख्यालय
जी हां जहां अभी परिवहन निगम का मुख्यालय बसंत विहार में संचालित हो रहा है. उस भवन स्वामी ने निगम को नोटिस देकर भवन खाली करने के लिए कह दिया है. काफी समय से भवन स्वामी निगम को भवन खाली करने के लिए दबाव बना रहा था लेकिन निगम मुख्यालय बदलने को तैयार नहीं था,लेकिन अब जाकर निगम ने निर्णय ले लिया है कि वह मुख्यालय शिफ्ट करेगा।
ये होगा नया पता
उत्तराखंड परिवहन निगम का मुख्यालय बंसत विहार से शिफ्ट हो कर हरिद्धार बाईपास स्थित नेहरू काॅलोनी थाना रोड़ पर बने यूसीएफ के बिल्डिंग में शिफ्ट होने जा रहा है। नवरात्री में निगम शुभ मूर्हत निकालकर मुख्यालय शिफ्ट कर देगा। निगम का मुख्यालय शिफ्ट हो जाने से उन लोगों को मुख्यालय जाने में आसानी हो जाएंगी जिनका मुख्यालय में काम पड़ता है,खास कर आईएसबीटी से भी मुख्यालय नजदीक हो जाएगा वहीं हरिद्धार बाईपास स्थित वर्कशाॅप से भी मुख्यालय नजदीक हो जाएगा।
निगम के लिए अनलक्की रहा वर्तमान मुख्यालय
बसंत विहार में परिवहन निगम का मुख्यालय निगम के लिए अनलक्की साबित हुआ,जी हां निगमकर्मियों का कहना है कि जब से निगम का मुख्यालय बंसत विहार आया निगम के बुरे दिन आने शुरू शुरू हुए,2012 में जब निगम का मुख्यालय इंद्रानगर से बंसत विहार शिफ्ट हुआ तक से निगम को घाटा होना भी शुरू हुआ,2012 तक उत्तराखंड परिवहन निगम जहां मुनाफे में चल रहा था,वहीं निगम का मुख्यालय बंसत विहार में जाने से निगम को घाटा होना शुरू हो गया जो अब तक तक 344 करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। निगम कर्मियों को मुख्यालय शिफ्ट होने से उम्मीद जगी है कि नई जगह मुख्यालय जाने से क्या पता निगम पहले की तरफ मुन्नाफे में आ जाए। इसलिए कहा जा सकता है कि निगम के लिए बसंत विहार अन लक्की रहा। उत्तराखंड परिवहन निगम नई उम्मीदों के साथ नवरात्री के असवर पर अपना पता बदल देगा,जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
अब देखना यही होगा कि नई जगह से जब परिवहन निगम का मुख्यालय संचालित होगा तो घाटे में चल रहे परिवहन निगम को को कर्मचारी अधिकारी घाटे से उभार पाएंगे।