पश्चिम बंगाल : लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर हुए संघर्ष में सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं। जैसे-जैसे शहीद जवानों के नाम सामने आ रहे हैं। वैसे-वैसे शहीद जवानों से जुड़ी भावुक कहानियां भी सामने आ रही हैं। ये ऐसी कहानियां हैं, जो लोगों की आंखों को नम कर दे रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है पश्चिम बंगाल के रहने वाले जवान शहीद राजेश ओरांग की।
चचेरे भाई देवाशीष ने बताया कि इसी महीने शहीद राजेश ओरांग की शादी होनी वाली थी। राजेश ओरांग बिहार रेजिमेंट के जवान थे। गलवान घाटी में कुछ दिन पहले बिहार रेजिमेंट की तैनाती हुई थी। वहां नेटवर्क की दिक्कत होने की वजह से परिवार के लोगों से हमेशा राजेश ओरांग की बातचीत नहीं होती थी। भाई देवाशीष से आखिरी बात अप्रैल महीने में हुई थी। राजेश ओरांग के पिता किसान हैं। भाई देवाशीष ओरांग जबलपुर के खमरिया स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत हैं। देवाशीष परिवार के साथ जबलपुर में ही रहते हैं।
देवाशीष को भाई की शहादत की खबर मंगलवार की सुबह में मिली थी। उसके बाद वह जबलपुर से रायपुर के लिए रवाना हो गए। एलएसी पर उसने तनाव के बारे में कोई बात नहीं की थी। ऊंचाई पर रहने की वजह से वहां नेटवर्क की काफी समस्या थी। राजेश ओरांग के पिता किसान हैं और उसकी 2 बहने हैं। 1 की शादी हो गई है। राजेश की शादी के बाद दूसरी बहन की शादी होनी थी।