देहरादून- मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में कांग्रेस से मिली चुनौती को देखते हुए भाजपा आलाकमान उत्तराखंड में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि उत्तराखंड में हर स्तर पर फेरबदल हो सकता है।
मंत्री मंडल के विस्तार के साथ-साथ आलाकमान के सुझाए एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर सख्ती से काम किया जाएगा। ताकि निकाय चुनाव के नतीजे आलाकमान के सामने संगठन की नाक नीची न करवाएं।
लिहाजा सूत्रों की माने तो गणतंत्र दिवस के बाद कभी भी दायित्व आवंटन के साथ-साथ हर तरह का फेरबदल देखने को मिल सकता है।वहीं खबर आ रही है कि जिन विधायकों के कंधे पर संगठन की जिम्मेदारियों के स्टार लगे हैं उन्हें उतार कर नए चेहरों को दिया जा सकता है। ताकि विधायक अपने क्षेत्र में सक्रिय रहें और संगठन की जिम्मेदारियों का बोझ उठाने को मजबूर न रहें।
तय है कि अगर आलाकमान के इस फार्मूले पर काम हुआ तो संगठन में कम से कम एक दर्जन नए चेहरों को जगह मिल सकती है। वहीं मौजूदा संगठन में कई पदाधिकारी ऐसे हैं जिन्हें सरकार में महत्वपूर्ण दायित्व मिल सकते हैं। उन लोगों की जगह भी संगठन में ऩए ऊर्जावान नेतृत्व को जगह देने की कवायद पर काम शुरू होने वाला है।
हालांकि कहा जा रहा है कि संगठन में उन लोगों को जगह मिलेगी जो संगठन को काफी वक्त दे सकें। यानि आने वाले दिनो में उत्तराखंड का भाजपा संगठन नए चेहरों के साथ ऊर्जावान दिखाई देगा। ताकि निकाय और पंचायत चुनाव में विधानसभा चुनाव वाला असर कायम रहे।