रुड़की से 7 किलोमीटर की दूरी पर आस्था का बड़ा धाम पिरान कलियर बसा है, जहाँ पर लोग देश से ही नही बल्कि विदेशों से भी जियारत के लिए पहुंचते हैं. इस बार नवम्बर माह में साबिर पाक रहमतुल्लाह अलेह का 751 वा उर्स शुरू होने वाला है, जिसकी तैयारी में दरगाह प्रबंध पूरी तरह से लग गया है. लोगों की आस्था है कि साबिर साहब ने पूरे 12 वर्ष तक गुल्लर खा कर अपना जीवन व्यापन किया था और लोगों को लंगर खिलाया था जो कि एक सब्र का बड़ा नमूना है जिसको लेकर आज भी यहाँ पर चारों तरफ प्रति दिन लंगर लुटता हुआ नजर आता है.
जिस पेड़ के गुल्लर उस वक्त साबिर साहब खाते थे. उस पेड़ के गुल्लर लोग आज बीमारियों के चलते लोग खाते हैं. लोगो का कहना है कि ऐसा करने से उन्हें सभी बीमारियों से निजात मिलती है फिलहाल साबिर साहब के 751 वे उर्स की तैयारी यहाँ पर शुरू हो चुकी है.