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चार धाम यात्रा की शुरुआत 27 अप्रैल से होने की संभावना है। इसे सुगम, व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है। यात्रा को लेकर सरकार की बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
हेली सेवा पर विचार
चारों धामों की धारण क्षमता के हिसाब से श्रद्धालुओं को वहां दर्शन पर जाने की अनुमति दी जाएगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि केदारनाथ के लिए देहरादून से भी हेली सेवा शुरू करने पर विचार हो रहा है। इस पर मुहर लगने के बाद यात्री हेली सेवा का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
यात्रा के दौरान रोटेशन पर चलेगी बसें
इस बार चार धाम यात्रा में रोटेशन के अधीन 1600 बसें चलेगी। जिसमें से 1100 बसें गढ़वाल मंडल के पास उपलब्ध है और 250 अतिरिक्त बसों का कुमाऊं मंडल रोडवेज और सयुंक्त रोटेशन व्यवस्था करेगा। केएमओयू की 50 बसें मंगाई जाएगी। जबकि 50 बसें रोडवेज की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही इस बार ट्रांसपोर्टर 150 नई बसें ला रहे हैं। इस बार कोई भी कंपनी रोटेशन से बाहर नहीं हो सकेगी। गढ़वाल आयुक्त सुशिल कुमार ने इससे संबंधित परिवहन कंपनियों को निर्देश देने को कहा है।
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इस बार लागू होगी कतार प्रबंधन प्रणाली
चार धामों में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को लाइन में ना खड़ा होना पड़े इसके लिए पहली बार कतार प्रबंधन प्रणाली को लागू किया जाएगा। इसके तहत टोकन में समय निर्धारित होगा। दर्शन की बारी आते ही श्रद्धालु वहां पहुंचेगा। इससे धामों में भीड़ तो कम होगी ही साथ ही साथ व्यापारिक गतिविधियों को भी मदद मिलेगी।
20 फरवरी से शुरू होंगे पंजीकरण
20 फरवरी से यात्रा के लिए श्रद्धालु पंजीकरण करवा सकते है। इस बार पंचीकरण के लिए ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन व्यवस्था भी होगी। बताया जा रहा है की इसके लिए अन्य राज्यों में पत्र व्यवहार कर वहां यात्रा से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
दो चालक रखने पर हुआ विरोध
बैठक के दौरान आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने कहा कि पिछले साल उत्तरकाशी के डामटा में मध्यप्रदेश के खजुराहो जिले के यात्रियों की बस गिर गई थी। इस बस में एक चालक था। इसलिए इस बार से हर बस में दो चालक होने की व्यवस्था की जाए। लेकिन बसों में दो चालक रखे जाने पर टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास 1400 बसें तो हैं। लेकिन इतने चालक नहीं हैं। ऐसे में यात्रा की बसों में दो चालक रखना संभव नहीं है।
बद्रीनाथ में कथा की अनुमति न देने की मांग
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि चारधाम के यात्रा के पीक पर होने के दौरान चमोली जिला प्रशासन की तरफ से बदरीनाथ में श्रीमद भागवत कथा करने की अनुमति दी जाती है। जिससे बद्रीनाथ धाम में अव्यवस्था हो जाती है। उन्होंने गढ़वाल आयुक्त से कथा की अनुमति न देने की मांग की।
डस्टबिन लगाने के निर्देश
बैठक में आयुक्त ने चमोली के डीएम हिमांशु खुराना को निर्देशित किया की डस्टबीन की भी व्यवस्था की जाए। लेकिन डीएम ने कहा कि यह संभव नहीं है। आयुक्त ने कहा कि केंद्र के निर्देश हैं डस्टबिन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
यात्रा से पहले दुरुस्त हो जोशीमठ बद्रीनाथ मार्ग
चारधाम यात्रा से पहले जोशीमठ बद्रीनाथ मार्ग को दुरुस्त कर लिया जाएगा। जोशीमठ शहर के आसपास मार्ग में जो दरारें है। जिसकी यात्रा के शुरू होने से पहले मरम्मत के निर्देश दे दिए है।