उत्तराखंड सरकार का कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पिछले कुछ दिनों से उमड़ रहा प्रेम अब सरकार को ही असहज करने लगा है। हालात ये हैं कि मंत्री जी तमाम नियम कानून ताख पर रख ट्रांसफर कर रहें हैं और सीएम धामी को बचाव में आकर उन तबादलों को रोकना पड़ रहा है।
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मामला दिलचस्प भी है और गंभीर भी। उत्तराखंड के वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में हैं। उनपर विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा में बैकडोर से भर्तियां करने का गंभीर आरोप हैं।
अब मंत्री जी के द्वारा किए गए बड़ी संख्या में तबादले भी चर्चा का विषय बन गए हैं। दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल ने पिछले दिनों शहरी विकास विभाग में 74 कर्मियों के तबादले कर दिए। प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद शनिवार को शहरी विकास विभाग ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं में कार्यरत कर एवं राजस्व अधीक्षक, अधिशासी अधिकारी, कनिष्ठ सहायक से लेकर सफाई निरीक्षक के 74 पदों पर तबादले हुए। दिलचस्प ये कि इन तबादलों का आदेश जारी कर मंत्री जी जर्मनी के टूर पर निकल गए।
इधर थोक के भाव हुए तबादलों का पता सीएम पुष्कर सिंह धामी को हुआ। उन्होंने आनन फानन में तबादलों को रोकने का आदेश दे दिया। जो जहां है फिलहाल वहीं रहेगा। सीएम दफ्तर से इन तबादलों पर रोक लगा दी गई।
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दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल के जरिए किए गए तबादलों में दो पेंच फंस रहें हैं। एक है तबादला एक्ट और दूसरा है चुनाव आचार संहिता। तबादला एक्ट के तहत जुलाई के बाद तबादले नहीं हो सकते हैं। वहीं हरिद्वार में पंचायत चुनाव होने हैं और चुनाव आचार संहिता लागू है। प्रेमचंद ने जो तबादले किए हैं उनमें कई तबादले हरिद्वार में हैं और ऐसे में ये आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। हालांकि वहीं एक तर्क दिया गया है कि निकाय सेवा केंद्रीय सेवा में आती है लिहाजा इसमें तबादला एक्ट लागू नहीं होता है।