National : मुख्तार अंसारी को बताया मसीहा, सपा पार्टी के दफ्तर के बाहर हमदर्दी में लगाए पोस्टर - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

मुख्तार अंसारी को बताया मसीहा, सपा पार्टी के दफ्तर के बाहर हमदर्दी में लगाए पोस्टर

Renu Upreti
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Posters put up in sympathy with Mukhtar outside SP party office
Posters put up in sympathy with Mukhtar outside SP party office

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है। लेकिन आज भी मुख्तार उसे चाहने वासों के दिलों में जिंदा है और कई लोग उसे माफिया नहीं बल्कि मसीहा मानते हैं। समाजवादी पार्टी के दफ्तर के बाहर मुख्तार अंसारी की हमदर्दी में पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर पर मुख्तार अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी के नेता राम सुधाकर यादव की तस्वीर लगाई गई है। इस पोस्टर में लिखा गया है कि मुसलमान भाई इस बार ईद नहीं मनाएं। वे मुख्तार अंसारी के लिए दुआ मांगे। समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर लगा यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राम सुधाकर यादव ने मुसलमानों से कहा कि वे ईद के दिन ईदगाह पर मौन रखें।

पुलिस कांस्टेबल को भारी पड़ा मसीहा बोलना

वहीं इसी हमदर्दी में एक पुलिस कांस्टेबल ने मुख्तार को मसीहा बताया तो ते शब्द उसी के लिए भारी पड़ गए। दरअसल, चंदौली पुलिस लाइन में तैनात एक कांस्टेबल आफताब आलम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अंसारी के पक्ष में लिखा और उसे “मसीहा” करार दिया तो ये शब्द उसी के लिए मुसीबत बन गए। चंदौली के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह के अनुसार सिपाही आफताब आलम ने ऐसा करके प्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया नीति और राज्य सरकार के आचरण नियमों का उल्लंघन किया है। इस वजह से उसे पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है।

न्यायिक और मजिस्ट्रेटियल जांच शुरु

मुख्तार की मौत के बाद न्यायिक और मजिस्ट्रेटियल जांच शुरु कर हो गई है। बुधवार को मुख्तार के बैरक का ताला खुलवाया गया है। जिसरी वीडियोग्राफी कराई गई और फिर से बैरक को सील कर दिया गया है। इस दौरान जेल के डॉक्टर, फार्मासिस्ट, सुरक्षा में तैनात सिपाहियों, स्वीपर, जेलर व जेलर से भी पूछताछ की गई। जांच टीम ने जेल में मौजूद डॉक्टरों और फार्मासिस्ट से पिछले कई दिनों से मुख्तार अंसारी को दी जाने वाली दवाओं के बारे में पूछा। साथ ही ब्लड टेस्ट, रिपोर्ट और बीमारी के बारे में पूछा। जेलर और डिप्टी जेलर से पूछा गया कि मुख्तार को अटैक कब आया, आपने क्या देखा और प्राथमिक तौर पर क्या ट्रीटमेंट दिया गया। साथ-साथ इस बात की भी जानकारी ली गई कि 26 मार्च को मुख्तार की तबियत बिगड़ने पर उसको खाना में क्या दिया गया था? पूछताछ के बाद जांच टीम वापस लौट गई।

28 मार्च को हुई थी मुख्तार की मौत

बता दें कि मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को मौत हो गई थी। बांदा जेल में  तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे।  उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतें सितंबर 2022 से उसे आठ मामलों में सजा सुना चुकी हैं। मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहा। अंसारी के परिवार के सदस्यों ने उसकी मौत के कारणों पर संदेह जताते हुए दावा किया था कि उसे जेल के अंदर ‘धीमा जहर’ दिया गया था। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है। वहीं मुख्तार के जनाजे में उसके चाहने वालों का हुजुम उमड़ पड़ा था। और उसके क्षेत्र और गांव के लोगों ने उसे मसीहा बताकर विदाई दी।

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