होली के धमाल में एक नया कमाल हो गया है। अब कुमाऊं में इंदिरा ने कमल खिलान का फैसला लिया है। ये फैसला उन्होंने होली के दिन बताया है। अब हल्दवानी, नैनीताल समेत इलाकों में बड़े पैमाने पर कमल खिलाने के लिए प्रयास करने की तैयारी में हैं।
इंदिरा ने ये फैसला हरक के हरीश के साथ जाने के बाद सियासी बैलेंस बनाए रखने के लिए किया है, ऐसा जानकार बता रहें हैं। पता नहीं बताने वाले कितने जानकार हैं पर जानकारी तो बढ़िया दे रहें हैं।
वैसे हमारे अंडर कवर एजेंट्स ने बताया है कि गुझिया के कई पैकेट हरीश रावत और हरक के यहां से होते हुए इंदिरा तक भी पहुंचे हैं। वहीं हल्दवानी में एक मशहूर हलवाई कल रात से चुपचाप गुझिया की बड़ी खेप बनाने में लगा हुआ था।
होली के दिन जैसे ही लोग इंदिरा के घर होली का रंग लगाने पहुंचे तो उन्होंने सिर्फ केसरिया रंग लगाने की शर्त रख दी। लोग भौचक रह गए। आनन फानन में बाजार में बंद दुकाने खुलवाकर केसरिया रंग खरीदा गया और इंदिरा को लगाया गया। बताया तो ये भी जा रहा है कि कुछ केसरिया गुलाल के पैकेट देहरादून से हेलिकॉप्टर के जरिए भी भेजे गए हैं। वहीं इंदिरा अब सिर्फ केसरिया गुझिया ही खा रहीं हैं और बार बार कह रहीं हैं कि वो नैनी झील में कमल खिलाएंगी।
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हमने अपने अंडर कवर एजेंट्स को नैनी झील के किनारे तैनात कर दिया है, आप पढ़ते रहिए खबरउत्तराखंड।
(बुरा न मानो होली है, समझ गए न, तो जोर से फिर बोलो, बुरा न मानो होली है)
(यह लेख होली के मौके पर हास परिहास के लिए लिखा गया है, इसका सत्यता से कोई लेनादेना नहीं है।)