मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का जाना लगभग तय हो गया है। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही सरकार पर लगातार खतरा मंडराता रहा। कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता को दरकिनार कर मनमाने फैसले लिए, जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा। ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उनके साथ 6 राज्य मंत्रियों समेत कई विधायकों ने भी अपना त्यागपत्र दे दिया।
राज चल रहे कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया का अब भाजपा में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। छह राज्य मंत्री सहित 19 कांग्रेस विधायकों ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इस पूरे मामले में कांग्रेस आलाकमान से कमलनाथ के पक्ष में खड़ा नजर आया। यही कारण है कि कमलनाथ को ज्योतिरादित्य सिंधिया पर वरीयता देते हुए मुख्यमंत्री बना दिया, जबकि पहले ज्योतिरादित्य का नाम सबसे आगे चल रहा था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद सिंधिया ने इस्तीफे का एलान किया। सिंधिया ने पहले अमित शाह से मुलाकात की थी उसके बाद वो पीएम मोदी से मिलने के लिए प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। तीनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चली।
पीएम मोदी से मिलने के बाद सिंधिया अमित शाह के साथ एक ही गाड़ी से प्रधानमंत्री आवास से निकल गए। वहीं, कांग्रेस ने भी सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है।