एक महीने पहले विभिन्न भर्तियों में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग के लिए हजारों बेरोजगार युवाओं ने गांधी पार्क में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया था। पुलिस के लाठी चार्ज के बाद युवाओं की भीड़ में मौजूद असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। अब इस मामले की जांच पुलिस ही करेगी।
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युवाओं पर पुलिस के लाठी चार्ज की पुलिस ही करेगी जांच
एक महीने पहले बेरोजगार युवाओं पर हुए पुलिस के लाठी चार्ज की जांच अब पुलिस ही करेगी। मिली जानकारी के मुताबिक गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट शासन को सौंपते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जांच कराने की सिफारिश की थी। जिसके बाद पुलिस से जांच कराने का फैसला लिया गया है। इस आधार पर आईजी विम्मी सचदेवा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लापरवाही बरतने के आरोप में हटाए गए तीन पुलिसकर्मी
आईजी विम्मी सचदेवा ने जांच में हल्के बल प्रयोग को कानून व्यवस्था के लिहाज से उचित माना है। इस रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी हटा दिए गए हैं। आपको बता दें कि एक महीने पहले प्रदेश में लगातार परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों और पेपर लीक के मामले को लेकर हजारों बेरोजगार युवाओं ने गांधी पार्क में प्रदर्शन किया था।
जिसके बाद पुलिस ने युवाओं पर लाठीचार्ज किया था। इसी दौरान गुस्साए युवाओं की भीड़ में मौजूद असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दोबारा लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया था। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों और युवाओं को चोटें भी आई थीं।
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आठ फरवरी की घटना में मानी पुलिस की लापरवाही
रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ फरवरी को बल प्रयोग यानी लाठी चार्ज तो उचित था। लेकिन गढ़वाल आयुक्त ने आठ फरवरी की रात हुए घटनाक्रम पर तीन पुलिसकर्मियों की लापरवाही मानी है। इन तीनों पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है।
जांच की रिपोर्ट में इंस्पेक्टर एलआईयू लक्ष्मण सिंह नेगी, शहर कोतवाली के एसएसआई प्रमोद शाह और धारा चौकी प्रभारी विवेक राठी के तबादले की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट के आधार पर ही एलआईयू इंस्पेक्टर को इंटेलीजेंस मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया है। जबकिविवेक राठी को चकराता और प्रमोद शाह को मसूरी भेजा गया है।