देहरादून- सहसपुर पुलिस ने एक ऐसे दंपति को गिरफ्तार किया है जिनके निशाने पर कॉलेज के छात्र-छात्राएं और मजदूर रहते थे। जंगलात बेरियर के पास चेकिग के दौरान पुलिस ने दंपति से 850 ग्राम चरस बरामद की है। बताया जा रहा है कि आरोपी अपने घर का खर्चा चलाने को छात्र-छात्राओं, श्रमिकों और वाहन चालकों को नशे का सामान बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है
सहसपुर पुलिस कस्बे के जंगलात बेरियर के पास वाहनों की चेकिंग कर रही थी। चेकिंग के दौरान पैदल आ रहे एक दंपती पर कुछ शक हुआ। पुलिस ने जब दोनों को रुकने को कहा तो वह तेज गति से चलने लगे।
इस पर थानाध्यक्ष पंकज देवरानी व दारोगा पुनीत दनोसी ने दंपती को जबरन रोक लिया। थानाध्यक्ष ने सिपाही रेणू कश्यप व सुनीता सिंह से महिला की तलाशी कराई तो उसके पास से 350 ग्राम चरस बरामद हुई, जबकि आरोपी पति के पास से आधा किलो चरस मिली।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपनी पहचान इल्ताफ पुत्र यासीन व जहीरा पत्नी इल्ताफ निवासीगण सहसपुर के रूप में बताई। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि आरोपियों के खिलाफ थाना सहसपुर में वर्ष 2013 व 2016 में एनडीपीएस एक्ट व वर्ष 2017 में आर्मस एक्ट के मामले दर्ज हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने छात्रों, श्रमिकों, वाहन चालकों को नशे का सामान बेचने की बात स्वीकारी।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो कमजोर कड़ी कौन सी है जिसकी वजह से बड़े शहरों का नशा बेधड़क उत्तराखंड में दाखिल हो रहा है। दंपति तो सिर्फ मोहरे होंगे पुलिस को आका तक पहुंचना होगा।