देहरादून(हिमांशु चौहान)- हाईकोर्ट की डांट के बाद जागे देहरादून के अधिकारियों के लिए अब चार हफ्ते में शहर से अतिक्रमण हटाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. हालांकि उच्च न्यायलय आदेश के बाद देहरादून शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान बुधवार के बजाय अब कल यानि की गुरुवार को होगा.
पुलिस की वीआईपी ड्यूटी लगने के कारण आज टला अतिक्रमण
दरअसलस सरकार ने बुधवार से अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली थी लेकिन पुलिस की वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण अतिक्रमण एक दिन टाल दिया गया है. दरअसल सेशेल्स के राष्ट्रपति देहरादून दौेरे पर हैं जिस कारण पुलिस व्यस्त है. बुधवार को केवल अतिक्रमण के चिन्हीकरण और सीलिंग का काम किया जायेगा. लेकिन इस सबके बीच दिलचस्प ये है कि राज्य के मुख्य सचिव को कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों ने अतिक्रमण करवाया उनके खिलाफ कार्रवाई करिए। अब सवाल तो यही है कि ये कैसे होगा।
नैनीताल हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब इस बात की उम्मीद तो जगी है कि देहरादून में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई तो होगी। देहरादून के भीड़ भरे बाजारों में किए गए अतिक्रमण तोड़े जाएंगे तो नदियों की मुख्य धारा में भी बने घरों को तोड़ा जाएगा. अधिकारी दावा भी कर रहें हैं लेकिन ये सबको पता है की जब भी शहर में अतिक्रमण किया गया तभी अपना वोट बैंक बानने के लिए पार्टी के नेता अतिक्रमण न हटाने के सामने आकर खड़े हो गए और अतिक्रमण रुकवा दिया गया है!ऐसे में विभागीय अधिकारी मज़बूर हो जाते है और अतिक्रमण रुकवाना पड़ता है
दिलचस्प बाद ये कि कुछ महीनों बाद है नगर निकाय के चुनाव
हाईकोर्ट का आदेश तो आ गया की अतिक्रमण हटाओ और विभाग ने भी पूरी तैयारी कर ली लेकिन देखने वाली बात ये है की उत्तराखंड में कुछ महीनो बाद नगर निकाय के चुनाव है और सभी पार्टी के नेता अपना वोट बैंक चमकाने के लिए अतिक्रमण के आड़े आकर अतिक्रमण रुकवाने का काम करेंगे विभागीय अधिकारियो के लिए भी अतिक्रमण हटाना चुनौतीपूर्ण रहेगा की ऐसे नेताओ को रोका कैसा जायेगा.
अतिक्रमण करने वाले 12 हजार लोगों को किया गया चिह्नित
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी नदियों में ही अतिक्रमण करने वाले 12 हजार लोगों के चिह्नित होने की बात कर रहें हैं। इसके अलावा सड़कों पर अतिक्रमण की बाढ़ है। कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के जरिए भी अतिक्रमण किए गए हैं। ऐसे में मोटे अनुमान के तहत एक लाख लोगों के अतिक्रमण सरकारी अधिकारियों को तोड़ने होंगे।हालांकि दावा तो तैयारी का है जिसमे टास्क फॉर्स में वी सी, एमडीडीए अध्यक्ष, एमएनए, एडीएम और एसपी सिटी की टीम लगाई गई है साथ ही टास्क फोर्स की प्रत्येक दिन बैठक होगी.
अतिक्रमण के समय पुलिस फोर्स के 300 सिपाही मोके पर मौजूद रहेंगे
अतिक्रमण में हटाने में पुलिस ने तैयारी पूरी कर रख है जिसके तहत पुलिस फोर्स के 300 सिपाही मोके पर मौजूद रहेंगे!हाई कोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को नोडल अधिकारी बनाया गया और देहरादून के चार-चार अलग जोन में बांटा गया है अतिक्रमण भी इन्ही जोन के हिसाब से हटाया जायेगा!साथ ही अतिक्रमण हटाने में सहयोग नहीं करने वालो की सूची बना कर सरकार सख्ती से पेश आयेगी और सभी अतिक्रमण की कार्यवाही वीडियोग्राफ़ी और फोटोग्राफ़ी के तहत होगी!शहर की सफाई व्यवस्था के लिए भी स्वास्थ्य महानिदेशक हर दिन हाई कोर्ट को रिपोर्ट करेगी.शहर के सभी 60 वार्डो में चार अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए जब तक प्रभावी स्वरूप बदल न जाये.
सरकार के लिए अतिक्रमण हटाना काफी चुनौतीपूर्ण
हालांकि हाई कोर्ट के निर्देशों के आगे अतिक्रमण कारियो की गुहार सरकार नहीं सुन पायेगी. सरकार के लिए अतिक्रमण हटाना काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योकि फिर जल्द होने वाले निकाय चुनावों के मद्देनजर सरकार भी नहीं चाहेगी कि लोगों को नाराज किया जाए क्योंकि इससे उसे निकाय चुनावों में हार का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा सियासी दबाव पड़ना तय मानिए। फिर कोर्ट के आदेश का क्या होगा ये राम जाने।