उधम सिंह नगर (मोहम्मद यासीन) – आधा माह बीत जाने के बाबजूद भी फर्जी अंकतालिका मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में हाथ खाली हैं। पुलिस अभी तक गिरफ्तार करने में नामकायब साबित हो रही है। 5 नवम्बर को स्टे खारिज कर 14 नंबम्बर को सरेंडर करने के निर्देश दिए बाबजूद उसके आज सरेंडर नहीं किया जिसमें अब पुलिस गैर जमानती वॉरंट की तैयारी कर रही है। जिसमे पुलिस ने 2 और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हांसिल की है।
ये है मामला
बता दें कि प्रदेश के शिक्षामंत्री के जिले में खुले आम शिक्षा को लेकर खिलवाड़ देखने को मिला।देशबंधू इंटर कॉलेज में नकल करके उत्तर पुस्तिका भरने का भी इंतजाम किया था. नकल की खबर डीएम को मिली तो एसडीएम और उप शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने ग्राम मोहनपुर में छापा मारा। मौके पर जो नजारा प्रशासनिक अधिकारों ने देखा उसे देखकर वह भी दंग रह गये। यहां दर्जनभर छात्र खुलेआम नकल करते पाये गये। छापेमारी में एनआईओएस की परीक्षा की धांधली का पर्दाफाश हो गया। यहां 12वीं की अकाउंट और बायोलॉजी की परीक्षा 11 परीक्षार्थियों दे रहे थे। मामला ग्राम पिपलिया नंबर 2 में देशबंधु इंटर कॉलेज में एनआईओएस का सेंटर है।
एसडीएम समेत शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मारा था छापा
आपको बता दें कि बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम, शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एन.आई.ओ.एस.की परीक्षा में नकल करते एक दर्जन छात्रों को पकड़ा था। यह नकल देशबंधु इंटर कॉलेज प्रबंधक द्वारा कराई जा रही थी। पुलिस और जिला प्रशासन को देशबंधु इंटर कॉलेज में एन.आई.ओ.एस.की परीक्षा में धांधली करने की शिकायत मिली थी। संयुक्त टीम ने परीक्षा के दौरान छापेमारी की जिसमें देहरादून के 4 छात्र समेत 1 दर्जन से अधिक छात्र नकल करते पकड़े गए था। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर पुस्तिका जमा करके अन्य जगह पर छात्रों को नकल करवाई जा रही थी। जिसमें सभी छात्र छात्राएं देशबंधु इंटर कॉलेज के ही थे। वहीं इस पूरे मामले में एक ओर बड़ा खुलासा हुआ था। जिसमे भारी मात्रा में फर्जी अंकतालिका सहित अन्य समान बरामद हुई। पुलिस ने पूरे मामले में एक युवक को अपनी हिरासत में ले लिया था और मुख्य तीन आरोपी फरार थे। उच्च न्यायालय का दरबाजा खटखटाया लेकिन निराशा हाथ लगी। स्टे खारिज हो गया । लेकिन पुलिस इस प्रकरण में कोई कार्यवाही करती नजर नही आ रही है।
आपको बता दें कि मामले को लेकर पुलिस की इज्जत दाव पर लगी है जिसको लेकर पुलिस मुख्य आरोपियो को नही पकड़ पा रही है। पुलिस ने अपनी इज्जत बचाने के लिए दो लोगो की ग्रिफ्तारी ओर की है । घटना के समय पुलिस ने 18 लोगो के विरुद्ध मुकदमा किया था जिसमे से एक आरोपी सहित 11 बच्चो को न्ययालय में पेश किया था जिसमे से नाबालिग बच्चो को उनके परिजनों को सौप दिया था। पुलिस ने अब एक पोस्ट आफिस कर्मचारी अंकेश शुक्ला ओर एक परीक्षा प्रभारी सौरभ को ग्रिफ्तार कर जेल भेज दिया है।