नैनीताल : उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी अपराध धीरे-धीरे मैदानी जिलों से होते हुए पहाड़ों में भी पैर पसार रहा है. पहाड़ की शांत वादियों को अपराधी छलनी करने की कोशिश कर रहे हैं औऱ उन मेहनती औऱ ईमानदार लोगों पर हमला कर रहे हैं जो लोगों तक सच्चाई पहुंचाते हैं लेकिन शायद अपराधी सच से सच्चाई से डरते हैं इसलिए खुलआम वार कर रहे हैं. दुनिया के कई देशों में पत्रकार सुरक्षा कानून बने हैं, जो पत्रकारों को सही और सच्ची खबर लाने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन भारत आज भी पत्रकार सुरक्षा कानून से वंचित है। अत: सरकार भारत में तुरंत प्रभाव से “पत्रकार सुरक्षा कानून” निर्माण व लागू करे।
जी हां ऐसा ही कुछ हुआ हल्द्वानी में…जहां हिन्दुस्तान समाचार पत्र में कार्यरत पत्रकार मोहन भट्ट पर हिस्ट्रीशीटर भारत भूषण भानु और गैंगस्टर वीरेंद्र बोरा ने उस समय प्राणघातक हमला कर दिया जब वह अपनी गाड़ी से दोस्तों से होली मिलन पर मिलने जा रहे थे। हिस्ट्रीशीटर भानु और गैंगस्टर वीरेंद्र ने मोहन भट्ट की गाड़ी को हाइडिल गैट चौराहे पर रोक लिया और इसके बाद उनके मुँह पर तमंचे के बट से ताबड़तोड़ वार किया.
किसी तरह मोहन भट्ट ने अपनी जान बचाई। इतना ही नही भानु और वीरेंद्र ने शीशमहल चौराहे में भी जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने वहा कई राउंड फायरिग भी की। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उत्तराखंड पत्रकार महासंघ उक्त घटना की घोर निंदा करता है और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की पुलिस प्रशासन से मांग करता है। उक्त संबंध में कार्रवाही के लिए आज ही महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल डी.जी. पुलिस से भी मिलेगा।
कई हत्याओं का खुलासा करने में पुलिस पहले ही नाकाम, अपराधी मस्त
हल्द्वानी में अब तक कई बड़ी-बड़ी वारदातें हो चुकी है जिसका खुलासा करने में पुलिस नाकाम है बात चाहे पूनम पांडे हत्याकांड की करलें या लूट-चोरी की वारदात की औऱ इसलिए अपराधियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं. अपराधियों को पुलिस का जरा भी खौफ नहीं रहा…देखने वाली बात होगी की पुलिस इन खुलेआम गुंडागर्दी करने वालों की गिरफ्तारी कब तक कर पाती है?