अंकिता भंडारी हत्याकांड को एक महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन अब तक उस ‘वीआईपी गेस्ट’ के नाम का खुलासा नहीं हो पाया जिसे ‘स्पेशल सर्विस’ देने के लिए अंकिता के ऊपर दबाव बनाया जा रहा था। राज्य की जनता के जेहन में ये सवाल लगातार बना हुआ है कि आखिर वो कौन सा वीआईपी गेस्ट पुलकित के रिजार्ट में आने वाला था जिसके लिए अंकिता को स्पेशल सर्विस देने के लिए कहा जा रहा था। इस सवाल का जवाब अब तक न मिलने से लोग जांच पर सवाल भी उठा रहें हैं।
जांच हुई तो खुलासा क्यों नहीं?
अंकिता की हत्या के बाद से ही राज्य की जनता ये जानना चाहती है कि आखिर वो वीआईपी कौन था? जांच एजेंसियों ने इस मामले में जांच का दावा किया। पुलकित के रिजार्ट में आने वाले लोगों की जांच की गई। पुलिस और एसआईटी ने पुलकित और उसके साथ गिरफ्तार दो अन्य लोगों से भी पूछताछ की लेकिन क्या एसआईटी पुलकित से उस वीआईपी का नाम नहीं उगलवा पाई? या फिर एसआईटी इस नाम का खुलासा नहीं करना चाहती है?
सवाल इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि पुलकित के रिजार्ट में सफेदपोशों के आने जाने की बातें जगजाहिर हैं। अधिकतर ऐसे सफेदपोश पुलकित के रिजार्ट में पहुंच रहे थे जो मौजूदा सत्ता के बेहद करीब हैं। ऐसे में कहीं जांच एजेंसियां किसी दबाव के चलते वीआईपी के नाम का खुलासा करने से बच तो नहीं रहीं हैं?
केस भी होगा मजबूत
अंकिता हत्याकांड में वीआईपी एक अहम कड़ी हो सकता है। क्योंकि अब तक की जांच और वारदात के इर्दगिर्द घूमती परिस्थितियां बताती हैं कि वीआईपी इस पूरे हत्याकांड के मोटिव की एक अहम डोर है। वीआईपी ने स्पेशल सर्विस की डिमांड की होगी तभी पुलकित अंकिता पर दबाव बना रहा था और इसी स्पेशल सर्विस से मना करने पर पुलकित और अंकिता के बीच विवाद हुआ जो अंकिता की मौत की वजह बन गया। ऐसे में वीआईपी गेस्ट का पता चलना न सिर्फ बेहद अहम है बल्कि अदालत में इस केस को और मजबूत बना सकता है।