देहरादून : बीते दिन रविवार को देहरादून के सहसपुर क्षेत्र की एक खबर वायरल हुई थी जिसमें पुलिस ने किसाने भैंसा-बुग्गी का चालान करदिया था. इसी के साथ सोशल मीडिया पर चालान की प्रति भी वायरल हुई थी और लोगों ने पुलिस की जमकर खिंचाई की थी जिसके बाद पुलिस होश में आई औऱ पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए चालान रद्द किया.
बता दें कि पुलिस ने सहसपुर के छरबा क्षेत्र में शीतला नदी के किनारे में खेत में खड़ी एक किसान की भैंसा बुग्गी का दारोगा ने एमवी एक्ट में 1000 रुपये का चालान काट दिया था। जानकारी मिली थी कि पुलिस ने नदी किनारे लावारिश हालत में खड़ी बुग्गी के संबंध में लोगों से पूछताछ की। पता चला कि बुग्गी रियाज पुत्र हुसनद्दीन की है। जिस पर पुलिस बुग्गी को साथ लेकर रियाज के घर पर पहुंची. एमवी एक्ट के अनुसार कहीं भी भैंसा बुग्गी का चालन काटने का प्रावधान नहीं है। किसान का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान भैंसा बुग्गी पर रखा उसका सामान भी कहीं फेंक दिया।
नहीं भरुंगा चालान-किसान
वहीं भैंसा बुग्गी वाले किसान रियाज का कहा कि वह किसी भी सूरत में जुर्माना नहीं भरेगा। इस कार्रवाई के खिलाफ वह कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा।
सहसपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट का बयान
वहीं अब पुलिस बैकफुट में आ गई है पुलिस ने इसे गलती मानते हुए किसान का चालान रद्द कर दिया है. सहसपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट का कहना है मानवीय भूल के कारण चालान बुक में 82 पुलिस एक्ट की जगह एमवी एक्ट लिख दिया गया जिसमें सुधार कर लिया गया है.
मवी एक्ट में सिर्फ पंजीकृत वाहनों के ही चालान काटने का प्रावधान
परिवहन कर अधिकारी प्रथम रत्नाकर सिंह का कहना है कि एमवी एक्ट में सिर्फ पंजीकृत वाहनों के ही चालान काटने का प्रावधान है। भैंसा बुग्गी व घोड़ा बुग्गी इसमें शामिल नहीं है, इसलिए इनका चालान नहीं काटा जा सकता।