देहरादून: पिछले दिलों वन विभाग ने भले ही गुलदार की मौत के लिए मरे हुए कुत्ते को खाने को जिम्मेदार ठहराया गया हो, लेकिन जिस तरह से मसूरी में गुलदार का शावक मिला था। उसमें भी जहर मिला था। अब एक और गुलदार चकराता के सहिया में घायल मिला। फिलहाल उसका इलाज किया जा रहा है। उसको भी जहर दिये जाने की बात वन विभाग ने कही है। इससे एक बात साफ है कि वन विभाग भले ही कुत्ते जहर देने की थ्योरी बता रहा हो, लेकिन सहिया को नया मामला उसकी कुत्ते वाले थ्योरी पर सवाल खड़े कर रहा है।
विन विभाग ने हरिद्वार और कोटद्वार में तीन कुलदारों की मौत के लिए मरे कुत्ते को खाने से हुई। विभाग ने कहा था कि कुत्ते को जहर दिया गया था। जिसे गुलदारों ने खाया और उनकी मौत हो गई। सवाल ये है क्या उसके बाद मसूरी में मृत मिले शावक की मौत कैसे हुई। क्या उसको भी जर नहीं दिया गया था। वन विभाग को ज्यादा सतर्कता से काम करना चाहिए था, लेकिन वन विभाग ने तेजी दिखाने के बजाय वही सुस्ती जारी रखी।
अब सहिया को जो नया मामला सामने आया है। उसने कुत्ते को खाने से गुलदारों की मौत होने की थ्योरी पर सवाल खड़े कर दिये हैं। अगर वो बात सही भी है, तब भी वन विभाग पर सवाल खड़े होते हैं। सवाल ये है कि चार गुलदारों की लगातार मौत के बाद वन विभाग ने अतिरिक्त सतर्कता क्यों नहीं बरती। क्या वन विभाग वन्यजीवों के सबसे पसंदीदा जगहों के बारे में जानकारी नहीं जुटाई।