नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान पिछले करीब दो माह से आंदोलन पर डटे हैं. लेकिन, ना तो सरकार झुकने को तैयार है और ना किसान अपनी मांगों से पीछे हटने वाले हैं. किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सरकार का जोर इन कानूनों में सुधारों पर है. किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. टिकरी बॉर्डर पर तमाम परेशानियों के बीच और दिल्ली में दाखिल होने से रोकने को लेकर पुलिस के किए गए इंतजाम किसानों के हौसले को पस्त नहीं कर पा रहे हैं.
किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता ने कहा, किसानों को दिल्ली में रोकने के लिए पुलिस जो पैंतरे आजमा रही, किसान संयुक्त मोर्चा इसकी निन्दा करता है.हमारे हौसले में कोई कमी नहीं आई है. किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा कि काले कानून को जब तक वापस नहीं करवाएंगे, हम वापस नहीं जाएंगे. जिसे जो करना है कर लें, हम डरने वाले नहीं हैं. यहां गंदगी है, साफ सफाई नहीं है और इंटरनेट बंद कर दिया है लेकिन हम झुकेंगे नहीं.
किसान आंदोलन के चलते किसानों के दिल्ली में दाखिल होने की आशंका के मद्देनजर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों को मजबूत किया गया है. पहले सीमेंट से रास्ते की घेराबंदी की गई फिर, अब सड़कों पर नुकीली कीलें तक लगाई गई हैं ताकि ट्रैक्टर दिल्ली में दाखिल न हो पाएं.
किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. टिकरी बॉर्डर पर तमाम परेशानियों के बीच और दिल्ली में दाखिल होने से रोकने को लेकर पुलिस के किए गए इंतज़ाम किसानों के हौसले को पस्त नहीं कर पा रहे हैं.