क्रिसमस को अब पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। अगर आप भी क्रिसमस सेलीब्रेट करने के लिए प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए उत्तराखंड बेस्ट डेस्टिनेशन है। यहां पर आप 150 साल पुराने चर्चों का दीदार के साथ ही एशिया के पहले और सबसे पुराने चर्च को भी देख सकते हैं। इसके साथ ही प्रकृति के अंचल में क्रिसमस सेलीब्रेट कर सकते हैं।
उत्तराखंड में मौजूद हैं 150 साल पुराने चर्च
उत्तराखंड दुनियाभर में अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और यहां मौजूद मंदिरो के लिए देवभूमि दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में 150 साल पुराने चर्च मौजूद हैं। जहां पर आप क्रिसमस बहुत ही अच्छे से सेलीब्रेट कर सकते हैं। उत्तराखंड में देहरादून, मसूरी, पिथौरागढ़, रानीखेत, नैनीताल और बागेश्वर में 100 साल से भी पुराने चर्च मौजूद हैं। हर साल यहां क्रिसमस मनाने के लिए लाखों की संख्या में आते हैं।
देहरादून में यहां मौजूद है ऐतिहासिक चर्च
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 150 साल पुराना ऐतिहासिक चर्च मौजूद हैं। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग प्रार्थना करने के लिए आते हैं। दून के राजपुर रोड पर सेंट थॉमस चर्च है। इसका निर्माण 1840 में किया गया था । बता दें कि सेंट थॉमस चर्च की भव्य इमारत और भवन निर्माण शैली बेहद ही आकर्षक है। इसे एक बार देखने पर व्यक्ति ठहर कर इसे गौर से जरूर देखता है। हर साल क्रिसमस में यहां पर काफी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए आते हैं।
इसके साथ ही देहरादून में आप एक और ऐतिहासिक चर्चों का दीदार कर सकते हैं। देहरादून के परेड ग्राउंड के नजदीक कॉन्वेंट रोड पर स्थित है सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथोलिक चर्च। ये चर्च 115 साल से पुराना बताया जाता है। इस चर्च की विशाल गॉथिक संरचना और सुंदर भित्तिचित्र-चित्रित दीवारें लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं।
मानसिक शांति के लिए मसूरी के इस चर्च में जरूर जाएं
अगर आप क्रिसमस मनाने के साथ ही अपने दिल और दिमाग लिए शांति की तलाश कर रहे हैं तो आपके लिए पहाड़ों की रानी मसूरी परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां पर स्थित सेंट पॉल चर्च में आपको जरूर आना चाहिए। यहां पर आपको अपने दिल और दिमाग लिए शांति का अनुभव होगा।
चर्च का निर्माण 1840 में किया गया था। 1840 से 1947 तक चर्च को छावनी के लिए सैन्य पादरी द्वारा चलाया जाता था।इस चर्च के रंगीन शीशे बेहद ही खूसबरत लगते हैं। जब इन पर धूप पड़ती है तो इन्हें देखना सुखद अहसास देता है। बता दें कि राइफल्स को समायोजित करने के लिए विशेष प्यूज के साथ लकड़ी का इंटीरियर इस चर्च का मुख्य आकर्षण केंद्र है।
पिथौरागढ़ की वादियों में करें क्रिसमस पार्टी
उत्तराखंड के हिल स्टेशन क्रिसमस और न्यू ई.र सेलिब्रेट करने के लिए बेस्ट हैं। हर साल लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं। पिथौरागढ़ में आप खूबसूरत वादियों के बीच क्रिसमस सेलिब्रेट कर सकते हैं। यहां पर 140 साल पुराना चर्च मौजूद है। यहां मौजूद मैथोडिस्ट चर्च 140 साल पुराना है। जिसकी स्थापना साल 1879 में अमेरिका निवासी डॉ. रिचर्डसन ग्रे ने की थी।
पिथौरागढ़ में क्रिसमस पर आप बर्फबारी का लुत्फ भी उठा सकते हैं। अगर आप शांत वादियों में कैंपिंग के शौकीन हैं तो ये आपके लिए परफेक्ट जगह है। यहां पर आप शहर की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति का आनंद लेते हुए क्रिसमस पार्टी का आनंद ले सकते हैं।
नैनीताल में है एशिया का पहला चर्च
अगर आप क्रिसमस पर नैनीताल जाने का सोच रहे हैं तो ये बिल्कुल सही है। नैनीताल में आप जहां एक तरफ बोटिंग का आनंद ले सकते हैं तो वहीं दूसरी ओर यहां क्रिसमस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर एशिया का पहला व सबसे पुराना मेथोडिस्ट चर्च मौजूद है।
मल्लीताल में रिक्शा स्टैंड से थोड़ी दूरी पर ही मेथोडिस्ट चर्च है। इस चर्च को एशिया का पहला व सबसे पुराना मेथोडिस्ट चर्च होने का दर्जा हासिल है। बताया जाता है कि ऐतिहासिक चर्च की नींव साल 1858 में रखी गई थी। हर साल क्रिसमस में यहां शानदार जश्न मनाया जाता है।