Dehradun : बारावफात जुलूस में बही देशभक्ति की बयार, तिरंगा लेकर निकले मुस्लिम समाज के लोग - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बारावफात जुलूस में बही देशभक्ति की बयार, तिरंगा लेकर निकले मुस्लिम समाज के लोग

Reporter Khabar Uttarakhand
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breaking uttrakhand newsदेहरादून/रुद्रपुर : पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की जन्मदिन की खुशी में उत्तराखंड में कई जगह शान-ए-जुलूस निकाला गया। इस दौरान कई जगह सामाजिक सौहार्द की झलक देखने को मिली। देहरादून, हल्द्वानी और हरिद्वार में मुस्लिम समुदाय के लोग इस दौरान जुलूस में हाथ मे तिरंगा लेकर निकले। हरिद्वार के ज्वालापुर और पथरी क्षेत्र के दर्जनों गांव से पिरान कलियर में उर्स के चलते गांव के जिम्मेदार लोग और युवा पीढ़ी और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मिलादुन्नबी अवसर पर चादर ले जाते हुए सभी ने मुल्क के लिए दुआ मांगी। इसके साथ ही लोग तिरंगे की चादर लेकर भी रवाना हुए।

पूरे शहर को इलेक्ट्रॉनिक झालरों से सजाया गया। साथ पूरे शहर की मुख्य सड़कों पर जुलूस निकाल कर मुस्लिम समाज के लोगो ने खुशी जाहिर की और शहर के आसपास गाँव मे भी ईद ए मीलाद उल नवी बड़ी ही धूम धाम से जुलूस निकालते हुए पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्मदिन को मनाया गया। बारावफात अथवा ईद-ए-मीलाद या ‘मीलादुन्नबी’ इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है। जिसे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। ईद-ए-मीलाद यानी ईदों से बड़ी ईद के दिन, तमाम उलेमा और शायर पैगम्बर मोहम्मद साहब शान में नात शरीफ पढ़ते हैं।

रुद्रपुर में पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपनी रुखसत से पहले पैगम्बर बारह दिन बीमार रहे थे। वफात का मतलब है इंतकाल। इसीलिए पैगम्बर साहब के रुखसत होने के दिन को बारावफात कहते हैं। उन दिनों उलेमा व मजाहबी दानिश्वर तकरीर व तहरीर के द्वारा मुहम्मद साहब के जीवन और उनके आदर्शो पर चलने की सलाह देते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म रबी-उल- अव्वल महीने की 12वीं तारीख को हुआ था। यह संयोग है कि उनका जन्म इस्लामी हिजरी सन के रबी उल महीने की 12 तारीख को हुआ था और उन्होंने 12 तारीख को ही दुनिया से पर्दा लिया था।

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