देहरादून- टीएसआर सरकार बीते रोज अपनी सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न मना चुकी है। सरकार ने इस मौके पर अपनी एक साल की उपलब्धियों को ब्योरा जनता के सामने भी रखा। उधर पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने सरकार के सभी दावों को खारिज किया है।
देहरादून में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रीतम सिंह ने सूबे की त्रिवेंद्र सरकार पर जब कर निशाना साधा। प्रीतम ने कहा सरकार एक साल बाद खुशफहमी में रह सकती है लेकिन जनता जानती है कि उसने अच्छे दिनों के वादे के बीच एक साल किस तरह से गुजारा है। सरकार के एक साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, चुनावी दौर में जनता से कई वादे किए थे लेकिन सरकार बनने के बाद सारे वादे हवा हो गए।
किसानों की कर्जामाफी की बात हुई थी लेकिन सरकार बनने के बाद अब इस मसले पर एक्शन तो क्या कोई बात तक नहीं होती। अन्नदाता खुदकुशी कर रहे हैं जबकि सीएम इसे फैशन बता रहे हैं। सरकार बनने के बाद पहले विधानसभा सत्र में कहा था कि एक पखवाड़े के भीतर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कर दिए जाएगा लेकिन सरकार का एक साल पूरा हो चुका है गन्ना किसानों को गन्ने का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।
प्रीतम ने कहा सूबे की माली हालत जर्जर हो रखी है। एक साल में सरकार 6 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है बावजूद इसके सरकारी कर्मचारियों को वक्त पर पगार नहीं दे पा रही है।प्रीतम सिंह ने कहा सरकार जिस जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है वैसा असलियत में है नहीं आज तक मजबूत लोकायुक्त बिल पारित नहीं हुआ है जबकि इसकी बात कही गई थी।
जीरो टॉलरेंस का हाल ये है कि निजी मेडिकल कॉलेजों को अपनी फीस तय करने और उसे बढ़ाने का अधिकार दे दिया गया है। प्रीतम ने कहा ये एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है।वहीं पीसीसी चीफ ने त्रिवेंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि एनएच74 घोटाले में पहले सीएम रावत ने सीबीआई जांच करवाने की बात कही थी लेकिन बाद में केंद्र के दबाव में आकर इससे मुंह फेर लिया। ताकि बड़ी मछलियों को आसानी से बचाया जा सके।इस मौके पर पीसीसी चीफ ने कहा हम मांग करते हैं कि इसकी जांच हाईकोर्ट के दो जजो की देखरेख मे हो ।