पौड़ी : पौड़ी जनपद के कोटद्वार में बीते दिन विजिलेंस की टीम ने सहायक कोषाधिकारी बीर सिंह रावत को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया और मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाही शुरु की.
महिला को रुपये लेकर कोषागार कार्यालय में बुलाया
मिली जानकारी के अनुसार महिला शिकायतकर्ता ने पुलिस अधीक्षक सर्तकता को एक शिकायती पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि उनके पति राइंका डाबरी पौडी गढ़वाल में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत थे जिनका वर्ष 2007 में तैनाती के दौरान निधन हो गया था और उस समय उनके पति का छठे वेतन आयोग का पे निर्धारण गलत तरीके से 5400/रूपये ग्रेड का हो गया था जबकि उनके पति का पे निर्धारण 7600/ग्रेड रूपये पर होना था। महिला ने लिखा कि इस सन्दर्भ में उन्होने विभाग से पत्राचार किया और पति का पुर्नक्षित पेंशन के एरियर के रूप में 373865 तीन लाख 76 हजार 865 रूपये का भुगतान होना था। उक्त भुगतान को एरियर 373865/रूपये मंजूर होकर 28 फरवरी 2019 को वरिष्ठ कोषाधिकारी कोटद्वार को भेजा दिया गया था। भुगतान की ऐवज में सहायक कोषाधिकारी कोटद्वार बीर सिंह रावत ने शिकायतकर्ती से दस हजार रूपये रिश्वत मांगी। सहायक कोषाधिकारी कोटद्वार बीर सिंह रावत ने शिकायत कर्ती को दस हजार रूपये लेकर 2 जुलाई मंगलवार को कार्यालय कोषागार कोटद्वार बुलाया गया था.
कोटद्वार का निवासी है गिरफ्तार आरोपी
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार सहायक कोषाधिकारी कोटद्वार बीर सिंह रावत पुत्र नैन सिंह रावत निवासी मानपुर नियर शान्ति वल्लभ मैमोरियल स्कूल कोटद्वार के निवासी हैं.
महिला का कहना है कि वो रिश्वत नहीं देना चाहती थी और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को गिरफ्तार करना चाहती थी. इसी के तहत उसने पुलिस अधीक्षक सर्तकता सेक्टर देहरादून द्वारा महिला की शिकायती प्रार्थना पत्र की गोपनीय जांच से आरोप सही पाते हुए नियमानुसार ट्रेप संचालन को टीम का गठन किया गया और मंगलवार दोपहार को आरोपी बीर सिंह रावत को कोषागार कोटद्वार से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा गया। ट्रेप टीम को निदेशक सतर्कता द्वारा दस हजार रूपये की नगद पारितोषिक राशि देने की घोषणा की गयी ।