पौड़ी: पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लाक का सांगुड़ा गांव। गांव बहुत छोटा है, लेकिन इस छोटू और शहर से मीलों दूर गांव के एक किसान के हौसले इतने बुलंद हैं कि पलायन जैया दानव भी उनको डिगा नहीं सका। गांव कि बुजुर्ग किसान विद्यादत्त ने खेती-किसानी से आज वो मिसाल पेश की है, जिसे शायद ही कोई और कभी कर सके।
कल्जीखाल स्थित सांगुडा गांव में बुजुर्ग किसान विद्या दत्त शर्मा विगत 52 वर्षों से पहाड़ की सजीवता को संजोए हुए हैं। गांव के इस बुजुर्ग के जीवन संघर्ष को डॉक्यूमेंट्री फिल्म में पिरोया गया है, जिसका नाम ‘मोतीबाग’ है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मोतीबाग’ को ऑस्कर फिल्म महोत्सव में एंट्री मिला है। इससे पहले भी ये फिल्म कई पुरस्कार हासिल कर चुकी है। ‘मोतीबाग’ अमेरिका को आॅस्कर अर्वार्ड समारोह कैलिफोर्निया के लॉस एंजलिस शहर में दिखाया जाएगा।
इस डाॅक्यूमेंट्री में पलायन के दर्द के साथ ही, पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर बुजुर्ग किसान विद्या दत्त शर्मा की जीजीविशा और जीवटता को बेहद मार्मिक ढंग से फिल्माया और दिखाया गया है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक निर्मल चंद्र डंडरियाल किसान के पुत्र त्रिभुवन उनियाल का कहना है कि फिल्म ‘मोतीबाग’ को ऑस्कर के लिए चयनित किया गया है।