पौड़ी गढ़वाल : ‘झुमकि’, ‘पैजबी’। गढ़वाल मेंं पहने घर में हैं, लेकिन अब इनको कक्षा एक से पांचवीं तक केेे बच्चे किताब के रूप मेें पढ़ेंगे पौड़ी डीएम धीराज गर्ब्याल ने कक्षा 1 से पांचवीं तक केेेे लिए गढ़वाली में सिलेबस तैयार कराया है। जिसे जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा। यह कदम क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने में मील का पत्थर साबित होगा। उनकी इस पहल को मुख्यमंत्री से लेकर हर आम और खास व्यक्ति सराह रहा है। इसके लिए डीएम गर्ब्याल के मार्गदशन पर विशेषज्ञों ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। उनकी की इस पहल को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सराहा है।
गढ़वाली पाठयक्रम की पुस्तक का विमोचन आज
गढ़वाली पाठयक्रम की पुस्तक का विमोचन आज गढ़वाल कमिश्नरी कार्यालय में सीएम रावत करेंगे।डीएम धीराज गर्ब्याल हमेशा से किसानों, ग्रामीणों और राज्य में रोजगार के बेहतर संसाधन तैयार करने की सोच रखने वाले अधिकारी के रूप में पहचान रखते हैंं। पलायन रोकने को लेकर भी वो काम कर रहे हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने समूहों का गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सफल प्रयास किया। अब उनकी गढ़वाली भाषा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की पहल साकार हो रही है।जहां लोग क्षेत्रीय भाषा से मुंह मोड़ रहे हैं।
वहीं, यह भाषाएं रोजगार का जरिया भी बन रही हैंं। इसी मकसद से डीएम ने यह पहल की है। पौड़ी में जिलाधिकारी का दायित्व संभालते ही धीराज गर्ब्याल ने यह कार्ययोजना प्रारंभ की थी और विशेषज्ञों से भी समय-समय पर संवाद करते रहे।
‘धगुलि’, ‘हंसुलि’, ‘झुमकि’, ‘पैजबी’ पढ़ेंगे बच्चे
डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि कक्षा पांच तक के बच्चों को गढ़वाली बोली भाषा का ज्ञान कराने के लिए पाठयक्रम तैयार किया गया है। गढ़वाली पाठ्यक्रम की यह पुस्तक आने वाले समय में गढ़वाली बोली-भाषा को संरक्षित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। बताया कि पुस्तकों का नाम नाम कक्षावार ‘धगुलि’, ‘हंसुलि’, ‘झुमकि’, ‘पैजबी’ आदि रखा गया है। उनकी पहल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी बेहद पसंद आई है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा डीएम को पत्र लिखकर बधाई हो शुभकामनाएं।