पौड़ी गढ़वाल : हर साल दर साल गांव खाली होते जा रहे हैं जो की उत्तराखंड के लिए औऱ सरकार के लिए चिंता का विषय है अगर ऐसे ही गांव खाली होते रहे तो राज्य में संकट खड़ा हो जाएगा। वहीं पलायन को रोकने के लिए सरकार ने होम स्टे पर जोर देने की बात कही और इसको कई लोग अपने दम पर साकार करते नजर आ रहे हैं।रुद्रप्रयाग जिले के ऊकीमठ के दो भाईयों ने अपने पैतृक घर को होम स्टे में बदल दिया है। पारंपरिक वास्तु से बने अपने मकान की मरम्मत करवाने के बाद उसे पर्यटकों के रहने लायक बनाया।
पहाड़ी शैली में तैयार कराया होमस्टे,लोगों को मिलेगा रोजगार
तो वहींं अब इस पहल को आगे बढ़ाने में पौड़ी डीएम ने भी हाथ बढ़ाए है। जी हां उत्तराखण्ड की अपनी परंपरागत पहाड़ी आवासीय शैली को संजोते हुए, जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने देश व दुनिया से आने वाले लोगों के लिए विश्राम करने एवं परंपरागत भोजन का लुत्फ उठाने के लिए पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू में पहाड़ी शैली में होमस्टे तैयार कराया है जिसका लुत्फ सैलानी उठा सकेंेगे और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
लोक संस्कृति को जानेंगे और उठा सकेंगे पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ
बता दें कि इस होम स्टे की खास बात ये है कि इस होमस्टे में पहाड़ी परंपरागत शिल्प शैली की नक्काशी के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं भी दी गई है। होम स्टे को स्थानीय महिला समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहां आने वाले सैलानियों को पहाड़ी रीति रिवाज, शैली लोक संस्कृति की झलक इस होम स्टे में देखने को मिलेगी साथ ही वो पहाड़ी व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकेंगे। डीएम की इस पहल को हम सलाम करते हैं. जो काम सरकार को करना चाहिए था उसकी शुरुआत राज्य के अधिकारी कर रहे हैं जो की अच्छी पहल है।
सरकार करेगी मदद
बता दें कि सरकारी की इस नई योजना के तहत मैदानी इलाकों में होम स्टे बनाने वालों को 25 प्रतिशत यानी 7.50 लाख और पहाड़ी इलाकों में होम स्टे बनाने वालों को 33 प्रतिशत यानी 10 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। इसके अलावा ब्याज में भी मैदानी इलाके वालों को एक लाख रुपये और पहाड़ी इलाके वालों को डेढ़ लाख रुपये की छूट दी जाएगी। वहीं अब सरकार ने होम स्टे लाभार्थियों को स्टांप फीस की प्रतिपूर्ति करने का भी फैसला किया है। अब तक बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लेने के लिए लाभार्थियों को 70 हजार स्टांप फीस देनी पड़ती थी। लेकिन अब टूरिज्म डिपार्टमेंट के जरिए इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय किया है कि अगर किसी क्षेत्र में छह से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड होते हैं, तो सरकार उस क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, पार्क सहित अन्य कार्य करवाकर बतौर क्लस्टर डेवलप करेगी। साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रचार किया जाएगा। बता दें कि दीनदयाल होम स्टे योजना में कोई भी व्यक्ति मकान को होम स्टे के रूप में पंजीकृत कर सकता है और इसे पर्यटक आवास के रूप प्रयोग में लाया जा सकता है।