देहरादून- चमोली के जिस गांव के बारे में कहावत थी कि घेस से आगे नही देश। ये कहावत विकास से अछूते घेस और हिमनी जैसे गांवों के पिछड़ेपन को देखते हुए कही गई थी।
लेकिन डबल इंजन की सरकार के दौर में गांव डिजिटल बन गए हैं। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर यहां इन्टरनेट कनेक्शन पहुंच गया है। इसका ये फायदा होगा कि सरकार की ई मेडिसन योजना का ग्रमीण भी लाभ उठा सकेंगे।
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले मुख्यमंत्री ने आईटी विभाग की समीक्षा बैठक में घेस गांव को आईटी इनेबल्ड(सक्षम) गांव बनाने के निर्देश दिये थे। जिस पर काम करते हुए विभाग ने आज गांवों को डिजिटल मोड में ला दिया। इन्टरनेट पहुंचने के साथ ही गांव में कॉमन सर्विस सेन्टर भी खुल गया है। इस मौके पर राज्य के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने गांव वालों से वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए बात चीत की।
वीडियों कांफ्रेंसिंग में कॉमन सर्विस सेन्टर के संचालक ने बताया गया कि चार ग्रामीणों ने ई-मेडिसन सेवा के तहत सीधे दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों से बात कर चिकित्सकीय परामर्श लिया है। इसी प्रकार कुछ पशुपालकों ने ई-पशु सेवा का लाभ उठाते हुए विशेषज्ञों का परामर्श लिया है।
कॉमन सर्विस सेन्टर के लिये लैपटॉप और प्रिन्टर सरकार ने मुहैय्या कराया है। इतना ही नहीं इस सर्विस सेंटर से अब ग्रामीणों को जरूरी प्रमाण-पत्र, टिकट बुकिंग जैसी सुविधा भी प्राप्त होगी। तय है कि अब इन्टरनेट के जरिए ग्रामीण विभिन्न क्षेत्रों में सूचना प्रोद्यौगिकी की मदद से अपना जीवन स्तर सुधार सकते है। वहीं सूबे के सीमांत गांव हिमनी और घेस भी अब सरकार की मुट्ठी में आ गए हैं।