Big News : बेटे की वर्दी संजोए माता-पिता, आंखों में आंसू लिए बस एक टुक बेटे की तस्वीर को देखते रहते हैं - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बेटे की वर्दी संजोए माता-पिता, आंखों में आंसू लिए बस एक टुक बेटे की तस्वीर को देखते रहते हैं

Reporter Khabar Uttarakhand
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amit shah

amit shahआज उत्तराखंड के बहादुर अफसर चित्रेश बिष्ट की बरसी है। मूलरुप से अल्मोड़ा और वर्तमान देहरादून निवासी चित्रेश बिष्ट 16 फरवरी को कश्मीर में आईईडी विस्फोट में शहीद हुए थे. आज एक साल बीत गए लेकिन उनके जाने का गम ताजा है। माता-पिता, परिवार के दिल में बहादुर बेटे के जाने का जख्म ताजा है। और ये जख्म औऱ कचोटता है जब ये पता चला कि वो घर आने वाले थे क्योंकि 7 मार्च को शादी होनी थी। शादी की शोपिंग चल रही थी। रिटायर इंस्पेक्टर पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट कार्ड बांटने में व्यस्त थे। होटल बुक हो चुका था लेकिन इस बीच बेटे की शहादत की खबर आते ही पूरे परिवार समेत पूरा उत्तराखंड औऱ देश सन्न रह गया। परिवार अब सेहरा बांधने आ रहे बेटे के बजाय अब ताबूत में तिरंगे में लिपट कर आने का इंतजार कर रहा है। शहीद का भाई विदेश में नौकरी करता है। उसने जब भाई की शहादत की खबर सुनी तो तुरंत देहरादून पहुंचे।

बेटे की वर्दी को निहारते माता पिता

माता-पिता ने अपने बहादुर बेटे की वर्दी को संजोकर रखा है। आज माता पिता एक टुक बस बेटे की वर्दी और बेटे की तस्वीर को देखते रो पड़ते हैं। बेटे की बातों को याद कर के आज भी मां के आंखों में आंसू आ जातेहैं। बेटे ने फोन पर कहा था मां मैं आकर साड़ी दिलाऊंगा वही पहनना। मां के दिल में बस यही बात आई की बेटे तू घर आजा बस…मां-पिता हमेशा बेटे की वर्दी को संजोकर रखते हैं और उसे निहारते हैं कि उनका बेटा कहा चला गया।

शादी के लिए 28 को आने वाले थे घर 

बता दें कि जिस दिन मेजर चित्रेश शहीद हुए उस दिन उनके पिता एसएस बिष्ट गांव में शादी के कार्ड भेजने के लिए आईएसबीटी गए थे। कुछ दिन पहले उनसे चित्रेश ने बात की थी, वह 28 को घर आने वाले थे। शादी को लेकर बात चीत हुई। शहीद मां से बोले थे कि मैं आकर साड़ी दिलाऊंगी शादी के दिन वही पहनना।

शेरवानी और सूट भी तैयार,होटल, बैंड, बाजा भी कर लिया था बुक

मेजर चित्रेश जनवरी 2019 को ही घर आए थे और शादी की अधिकतर खरीदारी भी कर ली थी। शेरवानी से लेकर शूट तक तैयार कर लिया गया था। जब वे 2 फरवरी को वापस ड्यूटी लौटे, तो मम्मी, पापा को से कहकर गए थे कि बस कार्ड बांट लेना। बाकी बाजार के काम मेरे आने के बाद कर लेंगे। विवाह स्थल होटल सेफ्रोन लीफ में कहां क्या होना है यह सब चित्रेश तय कर चले गए थे। बैंडबाजा बुक कर लिया था।

चित्रेश का अंतिम संस्कार आज

परिजनों ने बताया कि चित्रेश का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर कल रविवार को देहरादून लाया गया था।

पिता ने मेजर चित्रेश की शादी के भिजवा दिए थे कार्ड

पिता एसएस बिष्ट रानीखेत स्थित गांव निमंत्रण पत्र भेजने के लिए आईएसबीटी गए थे। जहां से किसी जान-पहचान वाले के हाथों कोर्ड भिजवा भी दिए थे।

शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के बारे में कुछ अहम जानकारी…

  • नाम-चित्रेश बिष्ट
  • पिता-रिटायर्ड इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट
  • माता-रेखा बिष्ट
  • वर्तमान पता-नेहरू कॉलोनी, देहरादून
  • मूल गांव-पिपली, रानीखेत अल्मोड़ा
  • भाई- नीरज बिष्ट, यूके में है सेटल
  • स्कूली शिक्षा: 2006 में देहरादून के सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 12वीं पास।
  • उच्च शिक्षा: सीएमए पुणो से इंजीनियरिंग और आइएमए देहरादून से जून-2010 में पासआउट।
  • नियुक्ति: सेना में इंजीनियर कोर में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए और वर्तमान में मेजर थे।
  • वैवाहिक स्थिति: अविवाहित थे, 18 दिन बाद सात मार्च को होना था विवाह।
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