नई दिल्ली: आप सोच रहे होंगे कि घोड़ा ओलंपिक में क्या विवाद कर सकता है, लेकिन पाकिस्तान की सरकार जिस तरह से रोज नये कारनामों का अंजाम देती रहती है। वहीं, पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ी भी इसी तरह की हरकतेे करते रहते हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। दरअसल, भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा ने जिस इवेंट में टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाइ किया है, उसी इक्वेस्ट्रियन इवेंट में क्वालीफाइ कर पाकिस्तानी घुड़सवार उस्मान खान ने इतिहास रच दिया था। इस खेल में वो पाकिस्तान के पहले घुड़सवार बन चुके हैं, लेकिन जिस घोड़े के साथ वह अपने देश को पहला पदक दिलाने का दावा कर रहे हैं। वही घोड़ा और उसके नाम के कारण वो विवादों में फंस गए हैं। उस्मान खान के घोड़े का नाम आजाद कश्मीर है, जिसे लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने विरोध जताया है।
घोड़ों का ब्यौरा रखने वाली संस्था इंटरनेशनल इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन के मुताबिक उस्मान ने ऑस्ट्रेलिया के बेलिंडा इसिबिस्टर से हियर-टू-स्टे नाम का घोड़ा खरीदा और उसका नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया। अब उस्मान इसी घोड़े पर सवार होकर टोक्यो ओलंपिक में उतरना चाहता है। इसकी जानकारी लगते ही भारतीय ओलंपिक संघ ने आपत्ति जताई है। वह जल्द ही अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति में भी शिकायत दर्ज कराएगा।
ये मामला मामला ओलंपिक चार्टर नियम का भी उल्लंघन है। जिसमें किसी भी इशारे या वस्तु से किसी राष्ट्र की धार्मिक, राजनैतिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता। अगर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है तो आरोपी देश का ओलंपिक कोटा रद्द किया जा सकता है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, श्किसी भी कीमत पर ओलंपिक में राजनीतिक तटस्थता बनाए रखनी होगी। लोगों को खेलों में शरारत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।