स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़े सौंप दिए हैं। इन आंकड़ों को अब चुनाव आयोग ने सार्वजनिक भी कर दिया है। इसमें उन सभी कंपनियों के नाम शामिल है, जिन्होनें इस बॉन्ड के जरिए चंदा दिया था। इस सूची में एक नाम है हब पॉवर कंपनी का। इस कंपनी के बारे में सोशल मीडिया पर अजीब-अजीब तरह की बातें चल रही है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी पाकिस्तान की है। आइये जानते हैं इसकी पूरी सच्चाई।
सोशल मीडिया पर क्या वायरल?
सोशल मीडिया में एक पोस्ट में लिखा गया है- “A Pakistan based company, Hub Power Company, donated Electoral Bonds weeks after the Pulwama attack!” पाकिस्तान की एक कंपनी है हब पॉवर कंपनी, जिसने पुलवामा अटैक के कुछ हफ्ते बाद इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया है।
पाकिस्तान की नहीं है Hub Power Company
बता दें आपको जिस हब पॉवर की कंपनी की बात की जा रही है, वह पाकिस्तानी कंपनी नहीं है। यह कंपनी शुद्ध रुप से भारतीय है। रजिस्ट्रेशन में इसका पता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गांधीनगर इलाके का दिया गया है। दरअसल लोगों को इसलिए कंफ्यूजन हुआ क्योंकि पाकिस्तान में पॉवर सेक्टर की एक कंपनी है Hub Power Company Limited ( HUBCO)। इसके पास 3581 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की इंस्टाल्ड कैपिसिटी है। कंपनी का हब प्लांट मौजा कुंड में है। इसके अलावा भी कंपनी के कई प्लांट है।
चंदा देने वाली बड़ी कंपनियां
चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए डेटा से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कई बड़ी कंपनियों के नाम का खुलासा हुआ है। इनमें भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, लक्ष्मी निवास मित्तल, मेद्या इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, टॉरेंट पावर, अपोलो टायर्स आदि नाम शामिल है। सबसे खास बात यह है कि सार्वजनिक किए गए डेटा से यह पता नहीं चला है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को इलेक्टोकल बॉन्ड दिए।