नई दिल्ली: देश की नई सुरक्षा नीति बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दी गई है। माना जा रहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) मिलिट्री डॉक्ट्रीन पर अक्तूबर में सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। इस रिपोर्ट में भविष्य के युद्ध, नौसैनिक अभियान, सैन्य बलों की आवश्यकता और राष्ट्रीय शक्ति का प्रक्षेपण शामिल है।
यह रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है और अगले महीने इसे जमा करने से पहले इसमें रह गई कमियों को दूर किया जा रहा है। इस काम से जुड़े तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार और सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने इंडियन मिलिट्री पॉश्चर को परिभाषित करने वाले मूलभूत दस्तावेज को स्वीकार किए जाने के बाद रिपोर्ट का अवर्गीकृत हिस्सा सार्वजनिक किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय जहां रिपोर्ट को लेकर चुप्पी साधे हुए है, वहीं माना जा रहा है कि रिपोर्ट भारत के परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न किए जाने के दृष्टिकोण को स्पष्ट करेगी। माना जा रहा है कि रिपोर्ट में भारत के संभावित मोर्चों पर सैन्य खतरे को परिभाषित किया जाएगा। भारतीय सेना आज दो मोर्चों उत्तर और पश्चिम पर एक साथ सैन्य खतरों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर रक्षा मंत्रालय इस बात का फैसला करेगा कि उसे कितनी मात्रा में गोलाबारूद को स्टॉक में रखना है।